________________
सिद्धचक्र का चमत्कार नौ दिनों तक आयम्बिल सहित नवपद का अखण्ड पाठ एवं सिद्धचक्र की आराधना चलती रही। श्रीपाल सहित सभी कोढ़ी श्रद्धापूर्वक देव गुरु धर्म की आराधना करते रहे।
ॐ नमो अरिहंताणं ॐ नमो सिद्धाणं... ॐ नमो तवस्स...
TD
2005
se.
नौवें दिन मैनासुन्दरी ने सिद्धचक्र का प्रक्षालित जल श्रीपाल पर छिड़का। श्रीपाल ने कहाआह ! अद्भुत शान्ति महसूस हो रही है। देखो देवी, मेरी काया भी जल के छींटे पड़ते ही कंचन
सी दमकने लगी। लगता है हजारों योद्धाओं का शक्ति-बल मेरे अन्दर समा गया है। मेरा महारोग समाप्त हो गया।
आयम्बिल = पूरे दिन में एक समय नमक एवं चिकनाई रहित एक ही प्रकार का धान खाकर रहना।
PrivatePersonalUSEOnly
www.jaineliborg
tion-international