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________________ 'करुणानिधान भगवान महावीर केवलज्ञान प्राप्त कर भगवान वीर पावापुरी के महासेन उद्यान में पधारे। इसी नगर में सोमिल नामक ब्राह्मण महायज्ञ करा रहा था। जिसके लिए उसने वेदों के प्रकाण्ड पंडित इन्द्रभूति गौतम तथा दस अन्य विद्वान ब्राह्मणों को अपने शिष्यों सहित आमन्त्रित किया था। ओम् नमः शिवायः INNI Alla00000 KAN 10 देवों के झुंड आकाश से उतरकर भगवान महावीर के|| परन्तु देवगण यज्ञमण्डप में न आकर दर्शनों के लिए महासेन उद्यान की तरफ आ रहे थे। उन्हें सीधे भगवान महावीर के समवसरण देख इन्द्रभूति गौतम गर्व से बोले की ओर चले गये। CiaNLIBHINDI (IEEO कण्टलया देखो हमारे यज्ञ का प्रभाव। मन्त्रों से आकर्षित होकर देवगण हमारे यज्ञ में पधार रहे हैं। For 57 Personal Use Only
SR No.002809
Book TitleBhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandramuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size14 MB
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