SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बुद्धि निधान अभय कुमार चतुर चोर राजा ने बगीचे के चारों महाराज श्रेणिक ने रानी चेलना के लिये ओर कड़ा पहरा लगा बगीचे में एक खम्भे वाला सुन्दर महल | दिया। परन्तु दूसरे दिन बनवाया। उसमें आम के कुछ सदाबहार वृक्ष सुबह देखा तो फिर थे। उन पर बारह महीने फल लगते थे। आम चोरी हो गये थे। एक दिन RoyayoNTOYOOOAAtareason का Vi ऐसे चालाक चोर को तुरन्त पकड़ना चाहिये नहीं तो नगर में उत्पात मचा देगा। AAWAAN आश्चर्य है! कल तो इस डाल पर आम लगे हुये थे? आज एक भी आम नहीं है जरूर किसी नेचरा लिये हैं। माली ने तुरन्त राजा को खबर की।। राजा ने अभय कुमार को बुलाकर कहा -2000.00 190LOD.CO ऐसी विचित्र चोरी पहले कभी देखी न सुनी! इतने पहरे में से भी चोर आम चुरा कर ले जाता है? इसका पता लगाओ। उद्यान से लगी एक मांतग बस्ती है। आज रात भेष बदलकर बस्ती में जाता हूँ शायद चोर 15(का कोई सुराग मिल जाय। अभय कुमार वापस अपने महल में आकर सोचन लगा। 21 Jain Educatioh International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002806
Book TitleBuddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy