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________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार हुआ यह कि अनन्य भावपूर्वक नवकार मन्त्र के जप ने अपना प्रभाव दिखाया। कैंसर के विषैले कीटाणु और विषाक्त रक्त वमन के रास्ते बाहर निकल गया। और वे स्वस्थता अनुभव करने लगे। चार-पाँच दिनों में गुलाब चन्द भाई की तबियत में बहुत तेजी से सुधार आया। अब आराम से भोजन आदि करने लगे। कुछ दिन बाद गुलाब चन्द भाई डॉ. कपूर के पास गये। डॉ. कपूर ने उनकी जाँच की तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। गुलाब भाई आपने कौन-सी दवा ली। आपके शरीर में तो अब कैंसर का अंश भी नजर नहीं आ रहा। (साभार- तीर्थंकर नवम्बर - दिसम्बर, १९८०) Jain Education International डॉक्टर साहब मैंने तो बस नवकार मन्त्र का जाप किया था यह सब उसी का प्रताप है। अब मुझे किसी भी प्रकार की तकलीफ, नहीं है। मैं आराम से अपना जीवन बिता रहा हूँ । 32 For Private & Personal Use Only समाप्त www.jainelibrary.org
SR No.002803
Book TitleNavkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishalmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size24 MB
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