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________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार उसके बाद वह कमरा बन्द करके नवकार । मन्त्र की साधना में तल्लीन हो गये। नववार मन में चित्त एकाग्र होने से गले की पीड़ा की अनुभूति धीरे-धीरे कम होती चली गई अन्य इच्छायें समाप्त हो गई। सिर्फ एक ही इच्छा थी मद्गति प्राप्त हो। FAGO LONDODJA DILE णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवम्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं रात के ग्यारह बजे लगभग मन्त्र जाप करते-करते उन्हें जोरदार बमन हुआ। अत्यधिक कमजोरी रवटके कारण गुलाब चन्द भाई मूर्छित होकर फर्श पर गिर पड़े। AON आवाज सुनकर परिवार वाले उनके पास पहुँचे तो गुलाब चन्द भाई को बेहोश देखकर घर में रोना-पीटना शुरू हो गया। हे भगवान! तुमने VEER पापा, पापा। हमारा सहारा छीन लिया। D 30 For Private & Personal Use Only Jain Education International
SR No.002803
Book TitleNavkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishalmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size24 MB
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