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मे १३८-१] मायाराम
कहाँ गहाय लक्ष्मी स्वाहा। लग्गंति मक्खियाओं जस्स पयत्तेण सयलंअंगेसु । सो जीवह छम्मालं इय' भणिों मुणिवारदेहिं ॥ १३८॥ महु सुबई सतणुसदं दीवयंगंधं च णेव गिण्हेई"। सो जिबह" सत्त दियहे इय" कहि मरणकंडीए ॥१३९॥ सिहि" चंदयों मै पिच्छई सुवाल]कुसुमाई भणइ रत्ताई। ण" णिएइ" तुंगछाया लहु मरणं तस्स निद्दिढ ॥ १४०॥ जीहा जलं न मेलइ ण"[य] मुणइ रसं ण फासए" अंगं"। सो जीवह सत्त दिणे गुज्झे जो खिवइ नियहत्थं ॥ १४१॥ पिच्छेह" अण्णवण्णं पदीवयसिहाएँ सो हुँ गयजीवो"। दाहिणादिसाइ छाया" ण पेच्छए णियसरीरस्स ॥ १४२॥
ॐ ह्रीँ कादाय लक्ष्मी खाहा । लगन्ति मक्षिका यस्य प्रयत्नेन सकलानेषु । स जीवति मासानिति भणितं मुनिवरेन्द्रः ॥ १३८ ॥ न खलु शृणोति खतनुनन्दं द्वीपकगन्धं च नैव गृह्णाति । म जीवति सम्न विवसानिलि कथितं मरणकण्डिकायाम् ॥ १३९ ॥ शिखि-चन्द्रको व मश्यति सुधवलक्कुसुमानि भणति रक्तानि । न पश्यति तुझाच्छावां द्रधु मरणं तस्य निर्दिष्टम् ॥ १४०॥ जिह्वा जलं न मेलयति न च जानाति रसं न स्पृशत्यङ्गम् । स जीवति सप्त दिनानि गुह्ये यः क्षिपति निजहस्तम् ॥ १४१ ॥ पश्यत्यन्यवर्ण प्रदीपशिखायां स खलु गतजीवः । दक्षिणदिशायर्या छायो न पश्यति निजशरीरस्य ॥ १४२ ॥
1 BP लक्ष्मी। 2 In S there are वी वी क्षः before साहा। 3 B मक्खिआयो। 4 B पदाण। 5 PS समल। 6P छम्मासं। 7 B ईना.88 माणि। लहु। 10S सुणसु। 11 B सवण। 12 BS दीवह। 13 P ने। 14P शिन्देह। 15 P जीयहS जिग्रह। 16 B दिआहे; S दियहा। 17 B RI 18 Sकहिय। 19 B सहि। 20 B चंदिया; S 'चंदण। 21Sणो। 22S पेच्छा। 23 B सुजलन; P सुदलन। 24 B °कुसमाइं; P कुसुमाई। 958 माह। 26P न। 27 P लिएछ। 28 B तुगच्छाया P Qगच्छायाँ। 29.8 बिपी। 30 31 P न। 82 P न। ३३ दीसए। 34 B
AS 35 B विनं। 36 B S णिय। 37 BP पिच्छद। 38B बर्णवणं; Pा । 8 Pई दी। 40Sण) 41 RTIS जो।
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रित.
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