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________________ वन्दे कुलनन्दनः II. 113.6d चरणों पितुः II. 3.33b रुदन् II. 99.40b धनदानुजम् VI. 10. Iod " " 23 नियतो मुनिम् VI. 124.1d " वन्देन्द्र इवेश्वरम् VII. 33.8d ववन्दे पद्मपत्राक्षी I. 70.33a " ފ " "" "" सहसौमित्रिः III. 8.9c 59 ववर्ष कुम्भकर्णस्य VI. 67.150 39 د. 23 " ار ار " " " " " " " "" प्रणतो रामम् VI. 127.37c वरदं बन्दी II. 16. IIc तीव्रं प्लवगेन्द्रसैन्ये VI. 73.55d नीलाम्बुधरो यथाम्बु VI. 73.51d नीलोरसि बाणवर्षम् VI. 70.26d रामं शरवृष्टिजाल: VI. 73.62c रुधिरं देवः VI. 51.33c " ار II. 110.1ga 39 " 32 ور Jain Education International "" 32 VII. 9.31a 31 23 शरवर्षाणि III. 51. IIC VI. 58.40c ,, 90.220 95.44a 106.21 107.62c 92 शरवर्षेण VI. 86.6c शूलानि सुतीक्ष्णदंष्ट्रः VI. 67.99c सहसा देवः I. 10.29c वर्षुर्विस्मितास्तदा III. 30.30b ववर्षुस्तं समन्ततः III. 26.3b Tag: पुष्पवर्षाणि VI. 90.86a वर्ष् रुधिरं चास्य VI. 57.37a ववल्गुनात्र कासांचित V. 9.55a ववुर्वाताः सुगन्धिनः IV. 60.12b सुदारुणाः VII. 9.32b " ते ब्रह्महत्यायाः VII. 86.9c १०२७ महौजसी VII. 9.37b वृधे जलदागमे VII. 12.26b ,, पुनरात्मवान् V. 1. 187b पुरुषर्षभ VII. 74.23b " रामवृद्धयर्थम् V. 1. Ioc " वत्रषुस्तत्र पुष्पाणि V. 1. 81c ववौ न वायुः प्रचचाल चाचल: V. 47.13b प्राणसमोऽनिलः VI. 39.13b "" व पुरोधसं सौम्य VII. 57.8c प्रसादं विप्रेन्द्रान् I. 10.3IC " "" स रघुनन्दन: VII. 99.7b वशगा ते भविष्यति VI. 64.20d वशमानेतुमिच्छति VI. 64. 17d वशं शस्त्रप्रतापेन VI. 13.8c वशिना वदतां वर II. 105. 36d वशीकृत्य जयिष्यमि I. 27.3d वशे कर्तुमरिंदमः VII. 67.16d ,, कृत्वा महायशाः VII. 87.4b दाशरथिः कर्तुम् IV. 29.22c स्थापयितुं जगत् IV. 32. 19d स्थास्यन्ति सुन्दरि V. 24.36d 23 हि तव वर्तते VII. 83. 15d वश्यस्तव महाबाहो VII. 75.70 वश्यस्ते धनदः कृतः VI. 7.4d वश्यः स्त्रीणां तथा तथा V. 22.2b श्यो दासोऽहमस्मि ते III. 55.36b वषट्कारस्तथैव च VII. go gb वस चेह ममाश्रमे I. 63.6d वसतश्च वने तव IV. 6.2d वसतस्तस्य तु सुखम् III. 16.1a रामस्य I. 1.43c IV. 27.30c " वसतस्तान्निबोध मे II. 28.4d वस तावदिह प्राज्ञ VI. 121.12c वसता सीतया सार्धम् VI. 119.21c 29 "" ور " For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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