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________________ रामलक्ष्मणयोवीरः VI. 45.15c रामलक्ष्मणयोश्चापि I. 66.26a 10. 66.3c VI. 60.80c ,, 65.14c रामलक्ष्मणयोश्चव II. (63.2a रामलक्ष्मणयोस्ादा VII. 60.I) रामलक्ष्मणयोस्त्वया V. 21.31b रामलक्ष्मणयोः पश्चात् I. 23.20a , पार्श्वम् V. 58.1000 रामलक्ष्मणलक्षिता: V. 21.25d रामलक्ष्मणसंनिधौ I. 65.30d रामलक्ष्मणसीतानाम् II. 32 IIC रामलक्ष्मणसीताभिः I. 3.3a रामलक्ष्मणसीतार्थम् II. 40.45a रामलक्ष्मणसेवितम् II. I0.12d रामवऋविनिःसृतम् III. 74.20d रामवन्यैश्च यामुनेः II. 55.8d रामवाक्यप्रचोदितम् VI. I27.62d रामवाक्यप्रचोदिताः VI. 41.32b रामवाक्यमुपश्रुत्य VI. 61.38a रामवाक्यसमाहितः IV. 12.42b रामवाक्यं विभीषण: VII. I08.28d रामवाक्यानुरूपकम् II. 4) 20d रामवित्रासितासर्वान् IV. 1970 रामविष्टम्भितं तदा VII. I0.3d रामविस्फारितेन च V.I. 99.16b रामवृक्ष रणे हन्मि VI. 99.4a रामवृत्तान्तकारणात II. 58 1d रामद्वोऽस्मि दीर्घायुः II. 4.12a रामवेश्म तदा बभी II. 5.14b ,, ददर्श ह II. 15.37b ,, सुमन्त्रस्तु II. 15.31a रामशय्यामवेक्षत II. 88.Id रामशोकमहावेगः II. 59.28a रामशोकाभितप्तानाम् II. 57.20c रामशोकाभिपीडितः II. 57.26d रामशोकाभिभूतं तम् II. 59.6c रामशोकाभिभूतोऽहम् IV. 8.26a रामशोकाभिसंतप्ता V. 11.47a रामशोकार्दिते पुरे HI. II4.24b रामशोकेन च प्रभुः II. 62.5b राम षडयुक्तयो लोके III. 72.8a रामश्च कृतनिश्चयो IV. 65.12d रामश्चके समाहितः II. 55.17d रामश्च धनुरुत्तमम् VI. 75.35b ,, रिपुसूदनः III. 26.36d ,, वनमाहितः II. 61.25b , सीतया सार्धम् I. 77.25c ,, हि महातेजाः III. 39.23a रामश्चापि सुविस्मिताः VI. 59.79d रामश्चारण्यमाश्रितः II. 67.6b ,, ,, 74.6b रामश्चारित्रवत्सलः II. 45.10b रामश्विक्षेप तेजस्वी VI. I07.12a रामाश्चिच्छेद नेकधा VI. 79.22b , बाणेन III. 27.16a रामश्चैनमुवाच ह VI. 50.41d राम सज्जेत यो नरः II. I08.4b , सत्यभृतां वर III. 7.8b ,, संजातवालूकाम् III. 73.12a रामसंतापदुःखेन II. 57.7c राम संदर्शनादितः I 51.7d ,, संदर्शनादेव I. 51.2c रामसंपरिपालनम् II. 27.14b रामसंयोगमाप या II. 16.42b रामसायकनिर्भिन्नम् VI. III.37c राम सालकटङ्कटा VII. 4.23b रामसुग्रीवयोरिदम् V. 30.30d रामसुग्रीव योरैक्यम् V. 35.51a Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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