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धनुरादाय सगुणम् II. 31.25a धनुरानीयतां दिव्यम् I. 67.2c धनुरायत्तमुत्तमम् VII. 109.7b धनुगयम्य वीर्यवान् I. 66.9b धनुरुग्रं रथं बाणान् VI. 76.7c धनुरुत्तममाददे VI. 67.132d धनुरुस्था यतां मम VI. 92.31b धनुर्गजकरोपमम् VI. 100.16b धनुर्गृहीत्वा तूणी च VII. 75.9a धनुर्गृह्यापरं शुभम् I. 75.2d धनुातन्त्रिमधुरम् VI. 52.24a धनुर्दर्शनकाङ्क्षिणौ II. II8.46d धनुर्दर्शय रामाय I. 67.Ic धनुभीमपराक्रमम् I. 75.17d धनुभीमबलो भीमम् VI. 88.3c धनुर्ध्या विशिखौ च्युतो VI. 90.51b धनुर्मण्डलनिर्मुक्त: VI. 85.IIC धनुर्मुक्तेन संयुगे VI. I03.4b धनुर्मुक्तैः शितैः शरैः VI. 79.Iod
,, ,, ,, 107.36d धनुर्मुक्तः स्वनोऽन्योन्यम् VI. 79.24c धनुर्विशुद्गणोपमम् I. 74.19b धनुर्विस्फारमाणस्य IV. 36.9a धनुविस्फारयन्महत् VI. 75.36b धनुर्विस्फारयन्स्वयम् VII. Ig.I8b धनुर्विस्फारयामास V. 48.25c
, VI. 59.91c धनुर्वेदविदां श्रेष्ठः II. I.29a धनुर्वेदे च निरतः I. 18.28a
,, ,, निष्टितः I. I.I4d ,, ,, निष्ठिताः I. 18.37b ,, ,, वेदे च V. 35.140 धनुर्वेदो ममानघ I. 55.16a धनुर्व्यादितदीप्तास्यम् III. 37.16a धनुश्च करपीडितम् III. 20.15d
| धनुश्च भूमौ विनिकीर्यमाण: VIL 31.45b
, सशरं हस्तात् VI. 98.15c धनुश्चात्मरथं चैव VI. 73.240 धनुश्चास्य तदात्मनः VI. 71.83d
, विराजते VI. 7I.I8d धनुश्चिच्छेद संयुगे VI. 79.2gb धनुषश्च विभेदनम् I. 3.IId धनुषश्चापि घोरवत् VI. 53.22b धनुषस्तस्य वीर्य हि I. 31.10a धनुषस्तोलनेऽपि वा I. 66.1gb धनुषा कार्यमेतावत् III. 9.26c
, ज्यागुणवता III. 3.IIa ,, प्रतिजग्राह III. 27.9c ,, युधि शात्रवान् II. I2.20d ,, शरजालेन VI. 95.13c ,, शातयामि वः I. 66.10d धनुषी चाय तेक्षणा III. 8.18b धनुषीन्द्रजितस्तुल्यः VI. 76.75a धनुषी रौद्रदर्शने II. 30.2gd ,, सशरे कृत्वा VI. 80.23c धनुषोऽप्यस्य पूरणे I. 75.4b धनुषोऽस्य परामर्शात् I. 76.17c
, प्रपूरणे I. 67.Iob धनुषो प्रहणं तथा I. 3.I9b ,, भेदनं चैव I. 75.Ic , महता दिशः V. 44.4b ,, वा परिग्रहः VI. 89.2gd धनुष्पाणिं तमादाय VI. 87.IC धनुष्पाणिरतिष्टत VII. 68.3d धनुष्पाणिर्महावने III. 44.5b धनुष्पाणिर्वनौ कसाम् VI. 58.24d धनुष्पाणी स्वलंकृतो I. 22.9b धनुष्मतः संयति संमतस्य V. 48.27b धनुष्मद्भिर्यथा मेघैर् V. 45.10c धनुष्मन्तो महाबलाः V. 45.2b
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