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ततोऽअदं परिक्षिप्तम् VI. 70.I9c | ततो दिव्यममोघं तम् VII. 69.17a , हनूमन्तम् V. 57.4ga
,, दीनामदीनार्हाम VI. 3I.IIC ततो जग्मुरदर्शनम् VI. 74.6cd
,, दुःखतरं किं नु VII. 50.3a ,, जग्मुः स्वमाश्रमम् III. 16.Id
" , भूयः VII. 50.7a , जग्राह तेजस्वी VI. 97.23a
, , वनम् II. 28.10d ,, जघन्यं सहितः स्वमन्त्रिभिः II. I04.29a , दुःखमुपागमत् VII. I05.16b ततो जलधरोदनः VII. I9.31a
,, दुःखसमाविष्टः VII. 58.IIC ,, जहृषिरे सर्व II. 63.16c
,, दुःखाभिसंतप्तः III. 61.23a , जातपरित्रासा V. 30.21a
,, दुन्दुभिनिर्घोषः VI. 57.28c , जाम्बवतो वाक्यम् V. 6I.Ia ,, दुर्वाससं मुनिम् VII. 90.5d , जित्वा दशग्रीवः VII. 23.1a ,, दुहितरौ राम III. 14.27a , जृम्भस्य शयने II. 35.20a
,, दूरात्प्रददृशे VII. 15.16a ,, ज्वलनसंकाशैः VI. 73.56a ,, दृष्टा त्वया यहम् V. 38.17d , ज्ञातिवधं श्रुत्वा I. I.49c
,, दृष्टेति वचनम् V. 57.40c , ज्ञास्यामि ते बलम् IV. II.32d ,, दृष्टैव वैदेही V. 19.2a ततोऽतिकायं काकुत्स्थः VI. 7I.10a ,, दृष्ट्वा सरुधिरम् VI. 49.4a ततोऽतिकायः कुपितः VI. 71.66a ,, देवगणान्सर्वान् I. 66.23c , संकुद्धः VI.71.8ga
देवं महात्मानम् VII. 87.17c , बलवान् VI. 71.37a
देवर्षिगन्धर्वाः I. 15-320 ततोऽथ तं वालिनमम्यपौरुषम् IV. 25-54a
, , 43.170 ,, बुवा स तदनबन्धम् V. 48.39a
, , 65.9c ततो दग्ध्वा पुरीं लङ्काम् I. I.77a
,, देववरः श्रीमान् VI. 102.6a ,, ददर्श रुचिरम् II. I5.30c
,, देवसखा नाम IV. 43.17a , ,, शत्रुघ्नम् VII. 68.5a
, देवाः पुनरिदम् 1. 36.17a ,, ददशेच्छ्रितमेघरूपम् V. 1.5a
,, ,, प्रयातास्ते VII. 76.20a ,, दरीमुखः श्रीमान् IV. 39 36c ,, देवा महात्मानः I. 60.34c ,, दशग्रीवमुपस्थितास्ते VI. 29.29a ,, देवाः सगन्धर्वाः I. 15.4a , दशरथं पुत्रः II. 76.5c
"39.23a. ,, दशरथः प्राप्य I. 16.23a
, " " ,43.36c ,, दशरथस्त्रीणाम् II. 57.20a
" , 45.28a ,, दशाहेऽतिगते II. 77.1a
III. 24. Iga , दानवदर्पणनम् VI. 59.IIIa ,, दारक्रियां तस्य VII. 4.Iyc
"54.50a ,, दाशरथी रामः III. 64.33a
VI. 22.71a , दितिरबुध्यत I. 46.19d
" , 93.35a
V. I.I37a
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