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जाम्बूनदपरिष्कृतम् IV. 43.2]b जाम्बूनदपरिष्कृताः V. 6.34d जाम्बूनदमयत्वचि III. 43.20b जाम्बून दमयत्सरुम् III. 44.1d जाम्बूनदमय प्रभम् III. 43.30b जाम्बूनदमयान्येव V.6.11a जाम्बून दमयेषु च V. II.25d जाम्बून दमयरिः IV. 58.21a
V. 3.8c जाम्बूनदमयैश्वान्यः V. II.25a जाम्बूनदमयश्चैव VI. 95.3IC जाम्बूनदमयं लिङ्गम् VII. 31.42c जाम्बूनदमयं शुभम् VI. 67.1035 जाम्बुनदमहाकम्बु: VI. 80.14a जाम्बनदविभूषणः VI. 22.18d जाम्बूनदसमप्रभा II. 60.19b जायते तत्र मे दुःखम् II. 23.13c जायतेऽथ प्रतिश्रुतिः VII. 32.55b जायते शस्त्रसेवनात् III. 9.28b जायते स्थावरेष्विव II. 8.28b जायन्ते मे तया विना IV. I.7od जाये रात्रिं च यामहम् VI. 20.33b जालवातायनायुताम् IV. 25.23d जालवातायनयुक्तम् V. 9.16a जाह्नवी च प्रवर्तिता II II7.10b जाह्नवीतीरमासाद्य VII. 46.26a जाह्नवीं तु समासाद्य II. 80.21a जाह्नवीमभिवर्तते I. 24.10d जाह्नवी सरिता श्रेष्ठाम् I. 35.6c जाह्नव्यास्त्वविदूरतः I. 2.3d जिगीषूणां नृपात्मज IV. 30.6ob जिघांसन्तीं ततस्तां तु V. 55.49c जिघांसुभिर्दाशरथिम् VI. 63.39c जिघांसुरकृतप्रज्ञः III. 39. I0c जिघांसुरजितेन्द्रियः II. 63.21d
| जिघांसुरिव लोकान्ते VI. 126.48c जिघांसुः श्वापदं किंचित् II. 64.14 जिघृक्षति दिवाकरम् VII. 35.31d जिघृक्षन्नुर गोत्तमम् VI. I25.20d जिघृक्षमाणमायान्तम् VII. 34.16a जिघृक्षुरब्रवीत्कन्याम् VII. 2.27c जिघृक्षुः सूर्यमागतः VII. 35.35b जिघ्रति स्म नराधिपः I. 14.37b जिज्ञासन्तो महीक्षितः I. 3I.IOD जिज्ञासन्तौ पराक्रमम् IV. 61.3d जिज्ञासमाना वैदेही III. 6I,I7a जिज्ञासामीति चाब्रवीत II. 35.2Id जिज्ञासुः खगमो गतिम् IV. 63.4b
,, स तु बाहूनाम् VII. 32.1a जित एव त्वया सौम्य VII. 20. I5c जितकामैश्च सिद्धश्च III. 35.15a जितकाशी जयश्लाघी IV. 14.17c
, जितक्ला: VI. 40.28 जितः क्रोधः क्षमापरः II. I3.9b जितक्रोधा जितेन्द्रियाः III. I.21b
IV. 1.2th) जितदोजितेन्द्रियः I 5I.27b जितं त्रिभुवनं त्वया VI. I. I. I.1 ,, ,, मेने VII. 15:400 ,, नो विदितं तेऽस्तु VII. 29.33c जितपूर्वाः कदाचन VI. 62.16f जितभित्यवधार्यताम् VI. 2.21d जितमित्युपधारय VI. 2.12d
, , 91.8d जितमित्येव निश्चिनु VI. 2.2:D जितमुग्रेण तपसा III. 5.28c जितरोषं दुराधर्षम् VI. 9.10c | जितवन्तं कृतार्थ हि III. 5.23a
जितः शक्रः सुरेश्वरः VII. 30.54d | जितश्रमं शत्रुपराजयोचितम् V. 47.IIb
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