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जाबालिश्र महायशाः II. 67.3d जाबालेस्तु वचः श्रुत्वा II. I09.la जामदग्न्यं ततो रामम् I.76.5c जामदग्न्यः प्रतापवान् I. 75. ICD जामदग्न्यः प्रपूजितः I. 76.24b जामदग्न्यं महद्धनु: I. 75.3b जामदग्न्येन रामेण II. 21.33a जामदग्न्ये प्रतापवान I. 76.21b जामदग्न्यो गतो रामः I.77.3a जामदग्न्यो जगामाशु I. 76.226 जामदग्न्यो जडीकृतः I. 76.12b जामदग्न्योऽभ्यभाषत I.74.24d जामातरं न जाने स्म VII. 24.34c जामाता समरेष्वपि VII. 24.20d जाम्बवत्प्रमुखान्कपीन् V. 6I.I2d जाम्बवत्प्रमुखान्सर्वान V. 59.6a जाम्बवत्प्रमुखांस्ततः VI. 76.57d जाम्बवत्प्रमुखांस्तदा V. 57.35b जाम्बवन्तं गवाक्षं च VII. 39.21c
, च दुर्जयम् VI. 29.3d ,, च वानरा: V. 57.49b ,, तथोक्त्वा तु VII. I08.33a ,, तु दशमि: VI. 73.45a
,, त्रिमिबाणैः VI. 98.IIa जाम्बवन्तमथाङ्गदम् VI. I27.42b जाम्बवन्तं महाकपिः IV.65.28b
महाकपिम् IV. 65.18d
महाबलम् VII. 40.6b , महेष्वासः VI. 46.19a ,, महौजसम् IV. 41.2d जाम्बवन्तमुवाच ह VI. 83.Id जाम्बवन्तं मृधे जघ्नु: VI. 89.23c
, सुषेणं च VI. 73.58c , , , 74.IOC , हरिश्रेष्ठम् VI. 93.37a
जाम्बबानङ्गदश्च स: V.72.9b जाम्बधानथ जानुभ्याम् VI. 31.72a जाम्बवानपि तैः सर्वैः VI. 89.21a जाम्बवानिति विश्रुतः VI. 30.20d जाम्बवानिदमब्रवीत् IV. 65.14b जाम्बवानुत्तमं वाक्यम् IV.65.33c जाम्बवानक्षपार्थिवः VI. 50.ITb जाम्बवानृक्षपुङ्गवः I. 17.7b
, VI. 74.16b जाम्बवानृक्षराजश्च VI. 37.Ic जाम्बवानृषभः सुन्दः VI. 47.3a जाम्बवान्कार्यवृत्तान्तम् V. 58.3a जाम्बवान्कुमुदो नल: VI. 99.4d जाम्बवान्नाम नामतः IV. 39.26d जाम्बवापनसो नल: VI. 3.31b जाम्बवान्प्रत्यभाषत IV. 65.10d जाम्बवानप्लवगेश्वरः IV.67.31b जाम्बवान्यत्र नेता स्यात् V. 63.2 IC
, ,, 64.34c जाम्बवान्वाक्यकोविदः IV. 65.20b जाम्बवान्वाक्यमब्रवीत् VI. 74.21a जाम्बवान्वानरश्रेष्ठः IV. 59.2a जाम्बवांश्च महाबलः V. 46.12d जाम्बवाश्चर्क्षयूथपः VI. 90.9ob जाम्बवांश्च सुषेणश्च VI. 4.20a
, , , 24.I7c " , , 76.6oa
, हनूमांश्च VI. I38.52a जाम्बवान्समुदीक्ष्यैवम् IV. 66.Ic जाम्बवान्स हरिश्रेष्ठ: V. 57.22a जाम्बवान्ह रिसत्तमः V. 60.14b जाम्बवास्तु सुसंक्रुद्धः VI. 58.22a जाम्बवांस्त्वथ संप्रेक्ष्य VI. 17.45a जाम्बवेनक्षपतिना VI. 85.22a जाम्बूनदं कोटिसंख्यम् I. 14.54a
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