________________
अयुतं योजनानां तु IV. 67.27% अयुतं रक्षसामत्र VI. 3.24a अयुतानां सहस्रं च VI. 41.52c अयुतेन वृतश्चैव IV. 39.33a अयुतैश्चाता वीर IV. 38.30c अयुद्धमनसो भीतान् VII. 8.3c अयुध्यत तदा वाली IV. II.43a अयुध्यत महाकपिः VI. 43.14d अयुध्यत महातेजाः VI. 43.6c अयुध्यत महाराज VII. 29.15c अयुध्यन्त महा वीरा: VII. 21.30a अयुध्यन्त शिलाहस्ता: VI. 54.4c अयुध्यन्प्रतियुध्यन्वा IV. 18.40e अयुध्यमानं प्रच्छन्नम् VI. 80.39a अयूयुजन्नुष्ट्ररथान्खरांश्च II. 82.32c अयोजालानि निर्मथ्य III. 35.35a अयोध्या कोशमात्र तु II. 60.I3c अयोध्यां कुरु वैदेहि VI. I23.52e 3471527i Filiga: VII. 101.16d अयोध्यां गच्छतो ह्येष VI. I2I.7c अयोध्यां गच्छ भरत II. I07.15a अयोध्यां गच्छ राघव II. I02.3b अयोध्यां गन्तुमिच्छामः VI. I22. Iga अयोध्या चकमे गन्तुम् VII. 7I.IC अयोध्यादर्शनेन च VI. 123.34d अयोध्या दृश्यते दूरात् II. 71.20a अयोध्याधिपतिर्महान् I. 61.5b अयोध्याधिपतिवीर I. 38.2a अयोध्याधिपतिस्तस्य VII. Ig.ga अयोध्याधिपतेः पुत्रौ IV. 15.17a अयोध्याधिपतेः प्रभोः II. II8.51d अयोध्याधिपते विभो I. 15.10d अयोध्याधिपते वीर I. 58.16a
" ,70.13c अयोध्या नगरी चासीत् II. 48.35c
| अयोध्या न प्रकाशते II. II3.24d अयोध्या नाम नगरी I. 5.6a अयोध्यानिलयः श्रुत्वा II. 6.9c अयोध्या निलयानां हि II. 45.3a अयोध्यां तु तदा दृष्ट्वा II. II3.23c अयोध्यां तु समालोक्य VI. I25.Ia अयोध्यां त्वदृतेऽनघ II. 52.48b अयोध्यां त्वरिता रथैः I. 67.24d अयोध्यां त्वरितो गत्वा VI. 125.3a अयोध्यां त्वरितो ययौ VI. I25.Igd अयोध्या दर्शयिष्यामः VI. 123.32c अयोध्यां देवलोकं वा II. 52.54c अयोध्यां न प्रवेक्ष्यामि II. 77.18c
,, ,, IV. 19.2Ic अयोध्यापि पुरी रम्या VII. III.Ioa. अयोध्यापुरवासिनः VI. 128.40b अयोध्या प्रतिभाति मे II. 59.16d अयोध्याभिमुखी सेना I. 77.3c अयोध्यामगमत्तूर्णम् VII. 74.6c अयोध्यामगमन्सर्वे II. 47.15c अयोध्यामग्रतो दृष्ट्वा II. 7I.I9a अयोध्यामटवीं विद्धि II. 40.9c अयोध्यामवलोकितुम् VII. 72.15b अयोध्यामसितेक्षणे VI. 34.26f अयोध्यामहमागतः VII. 45.IIb अयोध्यामित एव त्वम् II. 53.16c अयोध्यामिव पर्वतम् II. 95.15b अयोध्यामुन्मुखो धीमान् II. 50.IC अयोध्यामेव गच्छामि II. II3.14c अयोध्यामेव नगरीम् II. 57.3c अयोध्यां परिरक्षसे II. I00.42d
अयोध्यां पालने व्रज II. I06.27b | अयोध्यां पालयिष्यति II. 36.gb
, , I03.8d अयोध्यां पुनरागतः II. 44.28b
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org