SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 597
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धर्मशास्त्र का इतिहास मुहूर्तमणि-विश्वनाथ द्वारा। मुहूर्तवृत्तशत। मुहूर्तमाधवीय----सायण या माधवाचार्य का कहा गया है। मुहूर्तशिरोमणि-रामचन्द्र के पुत्र धर्मेश्वर द्वारा। मुहर्तमार्तण्ड---केशव द्वारा। मुहूर्तसंग्रह-सिद्धेश्वर के संस्कारमयूख में एवं सं० को० मुहूर्तमार्तण्ड-अनन्त के पुत्र नारायण भट्ट द्वारा। श० में व० । १६५० ई० के पूर्व। टी० लक्ष्मीपति द्वारा। सं०.१४९३ के फाल्गुन (लग० मार्च १५७२ ई०) में मुहूर्तसर्वस्व--बूब के पुत्र वि, लात्मज रघुवीर द्वारा। देवगिरि के पास १६० श्लोकों में। टी० मार्तण्ड- काशी में सं० १५५७ (१६३५-३६ ई०) में प्रणीत। वल्लभा, लेखक द्वारा; बम्बई में १८६१ ई० में नो० (जिल्द १, पृ० १०९)। प्रकाशित। मुहूर्तसार--बर्नेल (तंजौर, पृ० ७९ ए)। मुहूर्तमाला-शाण्डिल्य गोत्र एवं चित्तपावन जातीय महूर्तसार-भानुदत्त द्वारा। सरस के पुत्र रघुनाथ द्वारा। सन् १८७८ में रत्नगिरि मुहूर्तसारिणी। में मुद्रित। मुहूर्तसिद्धि। मुहूर्तमुक्तामणि। मुहूर्तसिद्धि-नागदेव द्वारा। मुहूर्तमुक्तावली-काशीनाथ द्वारा। मुहूर्तसिद्धि--महादेव द्वारा। मुहूर्तमुक्तावली-देवराम द्वारा। महूर्तसिन्धु--मधुसूदन मिश्र द्वारा। लाहौर में मुद्रित । मुहूर्तमुक्तावली-भास्कर द्वारा। मुहूर्तस्कन्ध-बृहस्पति द्वारा। मुहूर्तमुक्तावली-योगीन्द्र द्वारा, अलवर (उद्धरण मुहूर्तामृत--रघु० द्वारा ज्योतिस्तत्त्व में उल्लिखित। मुहूर्तार्क----मृत्युञ्जय कोकिल द्वारा। टी० प्रभा, लेखक मुहूर्तमुक्तावली-गोपाल के पुत्र लक्ष्मीदास द्वारा। द्वारा। १६१८ ई० में प्रणीत। मुहर्तालंकार--- भैरव के पुत्र गंगाधर द्वारा। श० सं० मुहूर्तमुक्तावली--श्रीकण्ठ द्वारा। १५५४, माघ १५ (१६३३ ई.)। स्टीन (पृ० मुहूर्तमुक्तावली-श्री हरिभट्ट द्वारा। ३४३)। मुहूर्तरचना-दुर्गासहाय द्वारा। मुहूर्तालंकार----जयराम द्वारा। मुहूर्तरल----ज्योतिषराय के पुत्र ईश्वरदास द्वारा। मुहूर्तावलि। ___ 'मुहूर्तरत्नाकर' नाम भी है। मूर्खहा---संकल्पवाक्यों, नान्दीश्राद्ध, तिथिव्यवस्था, मुहर्तरत्न-गोविन्द द्वारा। एकोद्दिष्टकालव्यवस्था, श्राद्धव्यवस्था, गोवधादिमुहूर्तरत्न-रघुनाथ द्वारा। प्रायश्चित्त, व्यवहारदायादिव्यवस्था, विवाहनक्षत्रादि मुहूर्तरत्न-शिरोमणिभट्ट द्वारा। पर उत्तम ग्रन्थ । दे० नो० (जिल्द ३, पु. ४९)एवं मुहूर्तरत्नमाला--श्रीपति द्वारा। रघु० द्वारा व०। नो० न्यू० (जिल्द २, पृ० १४६-७)। टी० लेखक द्वारा। मूर्तिप्रतिष्ठानो० न्यू० (जिल्द १, पृ २९३) । मुहूर्तरत्नाकर-हरिनन्दन द्वारा। टी० लेखक द्वारा। सूतिप्रतिष्ठापन। मुहूर्तराज-विश्वदास द्वारा। मूलनक्षत्रशान्ति। मुहूर्तराजीय। मूलनक्षत्रशान्तिप्रयोग---शौनक का कहा गया है। मुहूर्तलक्षणपटल। मूलशान्तिनिर्णय-स्टीन (पृ० ९९)। मुहूर्तविधानसार-कालमाधव में व०। मूलशान्तिविधान। महर्तविवरण। मूलशान्तिविधि----मधुसूदन गोस्वामी द्वारा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002791
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1973
Total Pages652
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy