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________________ - (९३) मदनपाल एवं विश्वेश्वर मट्ट (९४) मदनरल ; (९५) शूलपाणि . (९६) रुद्रधर ; (९७) मिसरू मिश्र (९८) वाचस्पति मिश्र ; (९९) नृसिंहप्रसाद (१००) प्रतापरुद्रदेव ; (१०१) गोविन्दानन्द ; (१०२) रघुनन्दन (१०३) नारायण भट्ट (१०४) टोडरानन्द (१०५) नन्द पण्डित (१०६) कमलाकर भट्ट (१०७) नीलकण्ठ भट्ट (१०८) मित्रमित्र का वीरमित्रोदय ; (१०९) अनन्तदेव (११०) नागोजिभट्ट ; (१११) बालकृष्ण भट्ट या बालम्भट्ट (११२) काशीनाथ उपाध्याय ; (११३) जगन्नाथ तर्कपंचायनन (११४) निष्कर्ष G वित्तीय बग १०१ १४२ १७२ १७६ २०८ २६४ अध्याय विषय १. धर्मशास्त्र के विविध विषय २. वर्ण ३. वर्गों के कर्तव्य, अयोग्यताएँ एवं विशेषाधिकार ४. अस्पृश्यता ५. दासप्रथा ६. संस्कार ७. उपनयन ८. आश्रम ९. विवाह १०. मधुपर्क तथा अन्य आचार ११. बहुपलीकता, बहुमत कता तथा विवाह के अधिकार एवं कर्तव्य १२. विधवाधर्म, स्त्रियों के कुछ विशेषाधिकार एवं परदा प्रथा १३. नियोग १४. विधवा-विवाह, विवाह-विच्छेद (तलाक) १५. सती-प्रथा १६. वेश्या १७. आह्निक एवं आचार १८. पञ्च महायज्ञ १९. देवयज्ञ २६८ ३०८ ३१२ ३३० ३३८ ३४२ ३४८ ३५५ ३८३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002789
Book TitleDharmshastra ka Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPandurang V Kane
PublisherHindi Bhavan Lakhnou
Publication Year1992
Total Pages614
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size20 MB
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