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वसिष्ठ स्मृति ६. आचारप्रशंसा, होनाचारस्यनिन्दावर्णनम् १४८४ सांस्कृतिक जीवनीवाले मनुष्य के आचार तथा रहन-सहन की विधि १-४०
७. ब्रह्मचारिधर्म १४८७ ब्रह्मचारी के धर्म का वर्णन
१-१२ ८. गृहस्थधर्म १४८८ गृहस्थी के आचार एवं रहन-सहन का वर्णन
६. वानप्रस्थधर्म १४६० वानप्रस्थी के धर्म का वर्णन
१०. यतिधर्म १४६० यति धर्म संन्यासाश्रम सबका त्याग करे किन्तु वेदों का त्याग न करे । यथा
सन्यसेत्सर्वकर्माणि वेवमेकं न संन्यसेत् ।
एकाक्षरं परं ब्रह्म प्राणायामः परन्तपः ।। भिक्षा लेने में हर्ष विषाद त्याग दे
११. वैश्वदेवातिथिश्राद्धादीनांवर्णनम् १४६२ प्रथम अर्घ्य अर्थात् पूजा के योग्य ऋत्विग, कन्या का दान लेने
वाला वर, राजा, स्नातक, गुरु आदि तथा श्राद्ध विधि का वर्णन और ब्रह्मचारी के नियम बताये हैं
१-५६ १२. स्नातकवतं, वस्त्रादिधारणविधि १४६७ स्नातक के व्रत एवं आचार का वर्णन किया है
१-४५ १३. उपाकर्मविधिवेदाध्ययनस्यानध्याय निरूपणम १५०० उपाकर्म की आवश्यकता तथा विधान । ऋत्विम् आचार्य के
आतिथ्य करने के लिये घर पर पधारने पर सत्कार करने की आवश्यकता बताई है।
१४. चिकित्सकादीनामन्नभोजने निषेध १५०३ अभोज्य अन्न विवाहादि यज्ञ में यदि काक आदि से अन्न दूषित
भी हो जाय वहां पर वह अभक्ष्य नहीं है
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