________________
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
सिंधी जैन ग्रन्थमाला ]
नमः श्रनादवनाय
दमादमायादखा दादिश्य इत्यादिवा धन माया जनमानविय मायादविनागा
कानदार मेरा वि
मला गण्डास मला जगराता क
शिक्षाि कामाकरण
दिविसंज्ञानानिय झारापकर गावा
मनमानाममुदाया है। सुनाथ दादा व निवीयाना सिवो निघाद्याती
ताडपत्रीय प्रति, आदि पत्र
दर
वाचनानदमीयाइस
म्य
मेवाभागयोगवादयमप्रकरणका समयम सिमीमा पकनादरण
विधायी
द्यवादकल
नाद खतावियय विद्याद्वितीयगाव ग्रानुनादीनामताया माथिमायाननकवी नामितापादादविदियागादवितवारणविना सुदामाकमिमा
mar
बन्दा द॥ ना नायकानायासमा ६७२३
PENTOR
[धर्मोपदेशमाला
द्वारकाम नजुननिमानि हाला
श्रीमानको
सवा
यदिनमानादि
सदासराव
प