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नर्मदा सुन्दरी कथा
रूपमं अभ्यासिओना करकमलमा उपस्थित करवामां आवे छे। आशा छ के ग्रन्थमालाना अन्यान्य प्रथरत्नोनी माफक आ संग्रह पण आदरणीय थशे ज ।
अन्तमा विदुषी कुमारी प्रतिभा त्रिवेदिए प्रस्तुत संग्रहना संपादन माटे जे परिश्रम उठाव्यो छे ते माटे एमने मारा हार्दिक अभिनन्दन आपुं छु अने साथे शुभाशीर्वाद पण आपुं छु के ए पोतार्नु थिसीझ पूर्ण करी तेने प्रकट करवा जेटलं स्वास्थ्य अने समुत्साह प्राप्त करे।
भारतीय विद्याभवन बम्बई --[ता. ५.३.६०]
-मुनि जिनविजय
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