________________
नमयासुंदरिसंधि ।
१२१
तं निसुणिवि तच्छइ निब्भच्छह हरिणी कणइरकम्बिहि कुट्टइ। जइ जलनिहि मजाया मिल्हइ तह वि न नम्मय सीलह चल्लइ।। जाइ धरणितलु जइ पायालह तुहिउ पडइ गयणु जइ मूलह ।। तिमिरु तरणि जइ ससि विसु वरिसइ तह वि न नम्मयसीलु विणस्सइ। इयं अचलंती बहुहा ताडइ
स(ल)ट्ठि मुट्टि पुण सत्त न पाडइ । कुणइ सई परमिट्टिहि सरणं तसु पभावि हुइ हरिणीमरणं। जाणिउ सद्धि नरिन्द निवेसह तसु पदि नमया कारणि मन्नइ। चिन्तइ “मज्झ सील नहु भंजइ इंदु वि" अह निवु तहिँ हक्कारइ । वेसागिह निग्गमु सुंदरु मणि । जाणिवि निवपेसिअसुक्खासणि । आरोहिवि पहतडि उग्घडियह जन्ती पडइ मज्झि सा खालह । कद्दमि तणु लिम्पणमिसि नि अहिअ गहिअ सीलरक्खणि सन्नाहि । सहमयणिहिँ पत्तइँ किर फाडइ वत्थमिसिण सा पमुइ हि अडइ । लंखइ धूलि भूअङ्गत्तासणि
नच्चइ गायइ सतीसिरोमणि । सार मुणिवि निवु गुणिआ पेसइ पाहणलंखणि ते वि तासइ ।
॥ घत्ता ॥ इय गहिली जाणिय बुद्धि पहाणिअ सीलसकलडिम्भिहि कलिअ । निवपमुहिहिं लोइहि मुक्क अमोहिहि भणइ थुणइ जिणु अक्खलिय ।।
[४] मित्तह जिणदेवह कहइ वीरु नम्मयवइअरुं तसु खिवइ भारु । भरुअच्छह गच्छइ नियपुरम्मि जिणदेव पत्तु अह कूलि तम्मि । दिट्ठा नञ्चन्ती विगलरूव
जिणदेवि पुट्ठ "तउ किं सरूव"। सा भणइ “कहिसु वणचेइअम्मि" अन्नोन्न कहिउ वइअरु वणम्मि । सो बुद्धि देइ सा धरह चित्ति अह घयघड फोड गहिलिअ त्ति । घयवणि कुणइ निवपासि राव जिणदेवह कहइ नरिंदु ताव।। "ए करइ उवद्दवु घणउ देसि पवहणि आरोहिवि लइ विदेसि"। नरनाहवयणु मन्नेवि नियलि
बंधिवि चडावि पवहणि विसालि । भरुयछि वन्दाविवि देव नीअ जिणदेवि नमय पिअहरि विणी। रोअन्त कहइ वुत्तन्तु सयलु पियरिहिं पुरि उच्छवु विहिउ अतुल । १० नमयापुरिअ दसपुव्वधारि सिरिअजसुहत्थि संपत्तु सूरि । वंदइ सहदेवु कुडुम्बकलिउ निसुणेवि धम्मु नमयाइ सहिउ । अह वीरदासु पुच्छइ मुणिंदु "किं नम्मयाइ किउ कम्मविन्दु । पुग्विल्लजम्मि जं दुक्खजुत्त
पइचत्त जिअन्ती कह वि पत्त।" अह कहर मुणीसरु “नम्मयाई एयाइ विंझगिरिनिग्गयाइ। अहिठायग देवय आसि एह
पुग्विल्लजम्मि मिच्छत्तगेह । पडिमापडिवनह मुणिवरस्स एगस्स नईतडि निसि ठिअस्स। एए नइन्हाणह निन्दग त्ति। पढमं पडिकूलुवसग्ग गत्ति। १८
१ नमय. २ ईय. ३ °मिसिणि. ४ पमुईअ. ५ बुद्धि. ६ अमोहिंहिं. ७°वाई अरु. ८ नचन्ति. ९ वई अरु. १० °बिन्दु. ११ नम्मयाई. १२ गति.
नम० १६
arm 389 VAAMAJ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org.