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________________ १८० जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह-९. परिशिष्ट सोल्लाक सोली सोलुका सोल्हा १३२ १३७ ११९ सोही ३३,३९ हांसी २८ स्वर्णा हापाक हरचन्द्र हरदेव-हरदेवक २१,८६ हालाक हरपाल ४०,७७ हालू ३८,५८,६०,७० हरसिणि हांसला हरिचन्द्र १६,३३,५०,५२,७७,७८, २३,६४,८०,८१,१३७ ८६,१४० हांसिका २९,३५ हरिदेव हीमादेवी २२ हरिपाल १३,६४,६८ हीरल ३,२३,८६ हरिराज हीरा १३ हरियड १२६ हीराक हरिसणि-हरिसिणि ३६,६८ हीरादेवी हर्षदेव हर्षदेवी हीलण हर्षराज सोहग सोहगदेवी सोहड सोहरा सोहिग सोहिणि सोहिय सोही सौभाग्य सौभाग्यदेवी सौम्य स्थवीरपाल स्थिरकीर्ति स्थिरदेव स्थिरदेवी स्थिरपाल स्थाणी १३१ ४३,४९ ९८ १३२ १९ हूलण हर्षा ३३,८८,११०,११७ ४३ ६८ | हंस हंसक ६१,७९ हंसला ७३,७४ हादू हेमचन्द्र हेमराज हेमसिंह ५६,६४ होना ६७ / होनाक १३२ १३४ १०. परिशिष्टम् । कतिपयप्रकीर्णनामसंग्रहानुक्रमः । केसव (उदीच्यज्ञातीय रा० दूदासुत) | धरणीधर (नलकच्छपुरस्थित शालाध्यक्ष) महादेव (उपाध्याय, शूलपाणिसुत)* १२१ १३१ चंड (षयरोडुग्रामवास्तव्य ठ० लक्ष्मण मंडलिक (कायस्थज्ञातीय महं०) १४२ पिता) . नागार्जुन (सम्वीग्रामवासी ध्रुव, लिपिकर१२९ रामचन्द्र (पंडित) लूणाक पिता) . १२६ जाना (कायस्थज्ञातीय म. मालापिता) लोकानन्द (पण्डित) ११३ १४० बृहस्पति (देवपत्तनीय गंड) त्रिनेत्र (देवपत्तनीय गंड) १ १३० शूलपाणि (महामहोपाध्याय मिश्र) १३१ ११९ दूदा (उदीच्यज्ञातीय रा० केसवपिता) | भीमा (महं०, लिपिकरहरिदासपिता) साल्हण (पण्डित) १३२ १३८ १४३ सिद्धेश्वर (पण्डित, नागरविन) १३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002781
Book TitleJain Pustak Prashasti Sangraha 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherSinghi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
Publication Year1943
Total Pages218
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size14 MB
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