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________________ ९८-२३ पजसूई *103 जय सव्वजीवबंधव २४२-२४ । जस्स विओए सुंदर ३०-१४ । जह णिद्दयवज्ज जय ससुरासुरकामिणि ८५-२७ । जह अग्गिंधणतत्ते २१०-३१ जह तज्जणीऍ सो चिय २५७-२३ जय ससुरासुरकिंणर ९५-१८ । जह अग्गी पज्जलिओ २५८-६ | जह ता करेसि धम्म ८१-२२ जय ससुरासुरकिंणर ११६-१४ जह अयडतडे पुरिसो २११-४ जह तिमिररुद्धदिट्टी २१० -२७ जय ससुरासुरीकणर १२७-७ जह आउराण वेज्जो १७९-१९ । जह तेण पुव्वजम्म ५-१६ जय ससुरासुरकिंणर १६१-३ जह आणवेसि भगवं ९०-२२ ९२-३४ जह तेलमज्शपत्तो जय संसारमहोयहि जह एत्थ कोइ पुरिसो १७८-७ जह दीवो वरभवणे ९८-१३ २६८-६ जह एयाण विसेसो जह दीसइ अग्गिसमा जय संसारमहोवहि २०० - २९ १९५-२० ९१-४ जह ओसहदव्वण २४२ -१२ जह दुक्काले काले १७८-३ जय सिद्धिपुरीगामिय २४२-२६ जह करिसिरम्मि १७९-९ जह दूरटंकछिण्ण १७८-१७ जय सिरिधवलणेत्त ८४-२३ जह कंटयरुक्ख १७७ - ३२ जह दूसहतमभरिए १७८-१३ जय सोम्मसोम्मदंसण ११५ -१२ जह कायमणियमज्झे २१०-१३ जह देहम्मि सिणिद्धे ९८-६ जयहि ण पुरिस ण २६८ - १७ जह किर घरम्मि दारेण ९८-१६ । जह दोण्णि के वि देवा २०९-१८ जरखाससोसवाहि २५४ -२९ जह किर तिलेसु तेल्लं ९८-५ जह धाऊपत्थरम्मि ९८-१९ जरमरणरोगरयमल ७४-१७ जय किर भवणे भित्तीय ३६-१६ जह पढम पडिवण्णो २५५-२५ जरमरणरोगरयमल १२४-१० जह कोइ इयरपुरिसो ९८-९ जह पत्थराओ कणयं १७९-१० जरमरणरोगरयमल १३९-२० जह कोइ चोरपुरिसो २११ - १२ । जह पव्वज्जमुवगओ ९४-२ जरमरणरोगरयमल १४४ -१९ जह कोइ मयसिलिंबो २२७ -२१ जह पंकलेवरहिओ जरमरणरोगरयमल २१६-२३ जह कोइ हीरमाणो १७८-९ । जह पायवस्स पुत्तय २६२-६ जलजलणतडीवडणं ४२-४ जह को वि णरो जाणइ २११-१० । जह पित्तजरयसंजाय २१० -२५ जलजलणाणिलभूमी जह कोसियपक्खिगणो २१० -२९ जह फलिहपत्थरम्मि २४५-९ जलजंतजलहरोत्थय ८-१० जह कोतसत्तिसव्वल १७८ - ११ जह फुटुं बोहित्थे ९४-१ जलजंतणीरभरियं जह खीरखंडभरिओ . २१८ - २९ जह बहुतरुवरगहणे २१० - १७ जलजायफलिहभित्ति २४० - २७ जह गयणयले पवणो ९८-१५ जह बंधुयणो पुरिसं १७९-२२ जलणपहओ वि रुक्खो १७९ - ५ जह गिरिणइवेय . २११-८ जह बुज्झइ देवगुरू ९७-२४ जलणम्मि ण सुज्झामो १३७-१३ जह गरुलो सप्पाणं १७९-१ जह भरियं रयणाणं ९३-३६ जय चदिंदणमंसिय १२०-५ जलणम्मि सत्तहुत्तं ५५ - ६ जह मज्झिमाएँ सो चिय २५७-२४ जह चोराइभयाणं १७९-२० जलणं जलं च २०४ - ४५ जह मज्झे मंताणं २१०-१९ जह जणणी किर बालं १७९ - २३ जह मम ण पियं जलणो डइह सरीरं ७२ - ७ २१९-१४ जलणो व्व होज्ज सीओ २७९ - २० जह जलणो कट्ठाणं १७८-३३ जह मासपेसिलुद्धो २२८-३१ जह जह अल्लियइ रवी ५२-२८ जलथलउभयचराविय ३९ - ८ जह मुद्धडबालयओ २१०-३३ जह जह झिज्जइ रयणी २३७ - १८ जह मोरो उड्डीणो ९८-८ जलबुब्बुयसमणयणो ५६ - १९ जह जह पूरइ अंग ३६-२० जह य अणामाए पुणो २५७ -२५ जलरेहासारिच्छा ४४ - २८ जह जह लग्गइ सलिल ७०-१२ जह रयणं मयण ९८-१२ जलहिजलोयरम्मि ३१ - ३० जह जह से परिमासइ २२४ -२ जह रविणा तिमिरोहो २५८-९ जलहितरंग व्व चलं २३ - १९ जह डज्झइ तणकटुं ९८-१७ जह रुंभइ वच्चंतो १७९-२१ जलही खारो कुग्गाह १२१ - २८ जह णरवइणो कुविया २५७-४ । जह लोहाण सुवण्णं १७८-२५ जस्स किर णत्थि पुत्तो १३ - २६ । जह णलवणुवणेसुं २१० -१५ | जह वच्चइ को वि गरो ९८-११ जस्स य तित्थारमे १-७ । जह टणवणाणं १७८-२६ । जह वच्चते जीव ९८-७ जस्स य मरणे रुव्वइ ३० - २१ । जह णाम कोइ पुरिसो १७८-५ । जह वण्णतो वण्णे २५७-२२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002778
Book TitleKuvalayamala Part 2
Original Sutra AuthorUdyotansuri
AuthorA N Upadhye
PublisherBharatiya Vidya Bhavan
Publication Year1970
Total Pages368
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size12 MB
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