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उज्जोयणसूरिविरड्या
[६.११७1 तओ सविसेस-जाय-जीविय-भएण Hए पुच्छिया 'सुंदरि, ता को उण मम जीवगोवाओ' ति । तीए भणियं । 'णत्थि तुह ।
जीवणोवाओ। सामिणो दोज्झं ण करेमो । तहा चि तुम्ह मज्झेण मह महंतो सिगेहो । ता मह वयण णिसुणेसु । अस्थि 3 एक्को उवाओ, जइ तं करेसि'। मए भणियं 'साह, केरिसो' । तीए संलतं 'हिजो णवमीए सव्वो इमो परियणो सह ३
सामिणा हाइडं बच्चीहि त्ति। तओ तम्मि समए एकट्टय-मेत्ते रक्खवाले जइ कवाडे विहडेउं पलायसि, तओ चुक्को, ण अण्णह' त्ति भणंती णिग्गया सा। मए चिंतियं । 'णीहरतो जइ ण दिट्टो, तो चुको । अह दिट्ठो, तो धुवं मरण' ति चिंतिऊण तम्मि 6 दियहे णिक्खंतो । तनो ण केणइ दिटो। तओ मित्त, तम्हा पलायमाणो तुमं अण्णेसिंउ पयत्तो। ताव एक्केण देसिएण 6
साहियं जहा एरिसो एरिसो य देसिओ एक्को गओ इमिणा मग्गेण । एयं सोऊण तुह मग्गालग्गो समागओ जाव तुम पुत्थ दिट्ठो णम्मया-कूले । ता मित्त, एयं मए अणुहूयं दुख, संपयं सुहं संवुत्तं ति । अवि य । ५ मित्तहिँ जाव ण सुयं सुहं व दुक्खं व जीव-लोयस्मि । सुयणाण हियय-लग्गं अच्छइ ता तिक्ख-सल्लं व ॥'
एयं च णिसामिऊण बाह-जल-पप्पुयच्छेण भणियं थाणुणा । 'अहो ____ अज चिय जाओ हं अज रयणाई णवर पत्ताई । जं सच-सोक्ख-मूलं जीवंतो अज संपत्तो ॥' 12 8 ११८) एवं च भणिऊण कथं मुह-धोवणं । कयाहार-किरिया य उत्तिण्णा जल-तरल-तरंग-रंगत-मत्त-मायंग-मज्ज- 19
माण-मयरेहाहोय-दाण-जल-णीसंद-बिंदु-परिप्पयंत-चित्तल-जलं महाणई णम्मयं ति । थोवंतरं च जाव वञ्चति ताव अणेय
वेल्लि-लया-गुविल-गुम्म-दूसंचाराए महाडबीए पणटो मग्गो भव-सय-सहस्स-गुविल-संचारे संसार-कंतारे अभवियाण पिव 15 णिम्मलो जिणमग्गो। तओ ते पण?-मग्गा मूढ-दिसिवहा भय-वेविर-गत्ता उम्मत्तगा विय अणिरूविय-गम्मागम्मा तं 15 महाडविं पविसिउं समाढत्ता । जा पुण कइसिय । अवि य । बहु-विह-कुसुमिय-तरुवर-कुसुमासव-लुद्ध-भमिर-भमरउला । भमिर-भमिरोलि-गुंजा-महुर-सरुग्गीय-मिलिय-हरिणउला ॥ हरिणउल-णिञ्चल-ट्टिय-दसण-धावंत-दरिय-वण-वग्धा । वण-बग्ध-दसणुप्पित्थ-हत्थि-णासंर-वण-महिसा ॥
18 वण-महिस-बेय-भजंत-सिंग-सण्हावडत-तरु-णिवहा । तरु-णिवह-तुंग-सदुच्छलत-पडिसुत्त-बुद्ध-वण-सीहा ॥ वण-सीह-मुक-दीहर-परिकुविओरल्लि-हित्थ-हस्थिउला । हुत्थिउल-संभमुम्मुक्क-भीम-सुकार-कुविय-वण-सरहा ॥ वण-सरह-संभम-भमंत-सेस-सय-सउण-सेण्ण-बीहच्छा। सउग-सय-सावयाराव-भीम-सुव्वंत-गरुय-पडिसहा ।। अवि य । कहिंचि करयरेंत-वायसा कुलुकुलेंत-सउणया रणरणेत-रण्णया चिलिचिलेंत-वाणरा रुणुरुणत-महुयरा धुरुधुरुंतवग्घया समसमेंत-पवणया धमधमेंत-जलणया कडकडेंत-साहिया चिरिचिरेत-चीरिया दिट्ठा रण्णुद्देसया। अवि य । A बहु-वुत्तत-पयत्तिय-भव-सय-संबाह-भीम-दुत्तारं । संसाराडइ-सरिसं भमंति अडई अभविय व्व ॥
६११९) तओ एवं च परिभमंताण तम्मि समए को कालो वहिउँ पयत्तो । अवि य । वित्थिण्ण-भुवण-कोट्टय-मज्झ-गयं तविय-पवयंगारं । उय धम्मइ पवणेणं रवि-बिंब लोह-पिंडं व ॥ श सयल जण-कम्म-सक्खी भुवणभंतर-पयत्त-वावारो । गिम्हम्मि रवी जीए कुविय-कयंतो व्च तावेइ ॥ एयारिसे य गिम्ह-समए वहमाणे का उण चेला वहिउँ पयत्ता ।
अवरोवहि-वेला-वारि-णियर-तणु-सिसिर-सीयरासत्ता । णहयल-गिरिवर-सिहरं रचि-रह-तुरया वलग्गति ॥ 30 सिसिर-णरिंदम्मि गए दूसह-घण-सिसिर-बंधण-विमुक्को । तावेइ अवर-णिकरे संपइ सूरो णरवइ व्व ॥
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1) सुंदरी, P ता का मम जीवणोउवाउ, P तुम for तुह. 2) I om. ण, P वि ममं तुज्झ मज्शेण महतो, " महं. 3) P होज्जा णवमी सव्वो. 4) J सामिणो, I बच्चीहिति P बचिहिसि, P तंमि ससए एकंदुयमेत्ते, P जइ वाडे विहटाविलं. 5) P भणि for भणंती, J जइ णिक्खतो ता चुक्को, P om. ति. 6) P ता for ताव. 7) J सो for एयं सोऊण, P तुमं न दिलो एत्थ नम्मया. 8) P एवं for एयं. 10) J-पप्पुअच्छेग, P adds a before थाणुणा. 12) Pएयं for एवं, P कयमुहधावणकयाहारा तुरिया, I जलयरतरंग. 13) Pमयरहाधाय, चित्तलजला महागइणम्मय, P मलं for जलं, Pom. च, P तावय, J ताव अणय. 14) J गुहिल, P दुस्संचारा महादईए, उ पणट्ठमग्गा, Pom, सय, I गुहिल, 7 संसारे. 15) तेग for ते, P मूढदिसि बिहाया भयः, P उम्मत्तगो विय निरूविय, Pom.तं. 16) Pमहाडई, पुण केसिया. 17) Pकुसुमयत रुयर, Jom. भमिर, P भमिरोल-, P सरग्गीय. 18) P धोवंत, Pदसणुविच्छ, J मत्त (on the margin) for हत्थि. 19) P मेयमजतसंग, णिवट्ठ for णिवह, P भत्तु for तुंग, P वणसीह. 20) सभमुमुक्क न संभममुक्क, J सहरा for सरहा. 21) J सेस for सेससय, 1 वीरुच्छा for बीहन्छा. 22) P करयरंत, Jadds कहिंचि before कुलकुलेंत, P रुणरुणतभमरया, J धुरुधुरेंत. 23) 'कटयडंत, Pरण्णुदेसिया, J om. अवि य.24) Pबुहु for बहु. 26) विच्छिन्नभवण, पिण्डब. 27J सयल जल सयजण, जीवे for जीए. 28) Pom. य, P गिण्हसमए का उण. 29) Pअवरोअहि. 30) तावेद य धरणिधरो संपर, नरिंदो for णरवर.
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