________________
कुवलयमाला
1 सरलो पियंवो दक्खिण्णो चाई गुणण्णुओ सुहवो । मह जीविएण वि चिरं सुयणो चिय जियउ लोयम्मि ॥ महवा । ।
गुण-सायरम्मि सुयणे गुणाण अंतं ण चेव पेच्छामि। रयणाई रयण-दीवे उच्चउं को जणो तरह ॥ एथं च उण ण कोइ दुजणो, उपेक्खह सजणं च केवलयं । तहे णिसुणेतु भडरय त्ति।
१३) अस्थि दढ-मेरु-णाहिं कुल-सेलारं समुद्द-मिल्लं । जंबुद्दीवं दीवं लोए चक्कं व णिक्खित्तं ॥ अवि य । तस्सेय दाहिणद्वे बहुए कुल-पव्वए विलंघेउं । वेयड्डेण विरिकं सासय-वासं भरहवासं ॥ 6 चेयक-दाहिणेणं गंगा-सिंधूय मज्झयारम्मि । अस्थि बहु-मज्झ-देसे मज्झिम-देसो त्ति सुपसिद्धो ॥ सो य देसो बहु-धण-धण्ण-समिद्धि-गब्धिय-पामर-जणो, पामर-जण-बद्धावाणय-गीय-मणहरो, मणहर-गीय-रव-रसुक्कंठियसिहिउलो, सिहिउल-केया-रवाबद्ध-हलबोलुभिजमाण-कंदल-णिहाओ, कंदल-णिहाय-गुंजत-भमिर-भमरउलो, भमरउल. भमिर-झंकार-राव-वित्तत्थ-हरिणउलो, हरिणउल-पलायंत-पिक्क-कलम-कणिस-कय-तार-रवो, तार-रव-संकिउड्डीण-कीर-पंखा- 9 भिवाय-दलमाण-तामरसो तामरस-केसरुच्छलिय-बहल-तिगिच्छि-पिंजरिज्जत-कलम-गोवियणो, गोवियण-महुर-गीय-रव-रसाखिप्पमाण-पहिययणो, पहिययण-लडह-परिहास-हारि-हसिजमाण-तरुणियणो, तरुणियणाबद्ध-रास-मंडली-ताल-वस-चलिर12 वलय-कलयलाराबुद्दीविजंत-मयण-मणोहरो त्ति । अवि य।
12 बहु-जाइ-समाइण्णो महुरो अत्थावगाढ-जइ-जुत्तो। देसाण मज्झदेसो कहाणुबंधो व्व सुकइ-कओ ॥
१४) तस्स देसस्स मज्झ-भाए दूसह-खय-काल-भय-पुंजियं पुण्णुप्पत्ति-सूसमेक्क बीयं पिव, बहु-जण-संवाह-मिलिय15 हला-हलारावुप्पाय-खुहिय-समुद्द-सद्द-गंभीर-सुन्वमाण-पडिरवं, तुंग-भवण-मणि-तोरणाबद्ध-धवल-धयवडुडुग्वमाण-संखुद्ध-15 मुद्ध-रवि-तुरय-परिहरिजंत-भुवण-भागं, णाणा-मणि-विणिम्मविय-भवण-भित्ति-करंबिजंत-किरणाबद्ध-सुर-चाव-रम्म-णयलं,
महा-कसिण-मणि-घडिय-भवण-सिहर-प्पहा-पडिबद्ध-जलहर-वंद्र, णिय-करयल-ताडिय-मुरव-रविजंत-गीय-गजिय-णिणाय, 18 तविय-तवणिज्ज-पुंजुज्जल-ललिय-विलासियण-संचरंत-विज्जु-लय तार-मुत्ताहलुद्ध-पसरंत-किरण-वारि-धारा-णियरं णव-पाउस- 18
समयं पिव सब्व-जण-मणहरं सुव्वए णयरं । जं च महापुरिस-रायाभिसेय-समय-समागम-वासवाभिसेय-समणंतर-संपत्त
णलिणि-पत्त-णिक्खित्त-वारि-बावड-कर-पुरिस-मिहुण-पल्हत्थिय-चलण-जुयलाभिसेय-दसण-सहरिस-हरि-भणिय-साहु-विणीय21 पुरिस-विणयंकिया विणीया णाम णयरि ति।
21 १५) सा पुण कइसिय । समुई पिव गंभीरा महा-रयग-भरिया य, सुर-गिरी विय थिरा कंचणमया य, भुवणं पिव सासया बहु-वुत्तता य, सग्ग पिव रम्मा सुर-भवण-णिरतरा य, पुहई विय वित्थिण्णा बहु-जण-सय-संकुला य, पायालं 24 पिव सुगुत्ता रयण-पदीवुजोइया यत्ति । अवि य ।
चंद-मणि-भवण-किरणुच्छलंत-विमल-जल-हीरण-भएण । घडिओ जीए विहिणा पायारो सेउ-बंधो ब्व ॥ जत्थ य विवणि-मग्गेसु वीहीओ वियव-कामुय-लीलाओ विय कुंकुम-कप्पूरागरु-मयणाभिवास-पडवास-विच्छडाओ। 27 काओ वि पुण वेला-वण-राईओ इव एला-लवंग-कक्कोलय-रासि-गभिणाओ । अण्णा पुण इन्भ-कुमारिया इव मुत्ताहल- 27 सुवण्ण-रयणुजलाओ । अण्णा छेछइओ इव पर-पुरिस-दसगे वित्थारियायब-कसण-धवल-दीहर-णेत्त जुयलाओ । अण्णा खलयण-गोटि-मंडली इव बहु-विह-पर-बसण-भरियाओ । तहा अण्णाओ उण खोर-मंडलिओ इव संणिहिय-विडाओ
1). "वउ, J दक्खिण्णायचाई, J सुहमओ, J च्चिय जिअउ, J लोअंमि P लोयंमि, J अवि य for अह्वा. 2) JP "रमि, J सुअणो, JP न, चेय, पेक्वामि, उच्च यं. 3) Pएत्थ पुण,J उक्खह, केवला, तह, P निसुणंतु, JP ति॥॥ 4) P णाही, P नेमिलं, P चकं, Pom. अवि य. 5) P बहुविहकुल, P अ for विP वेयडनगवि. 6) यारंभि, J मज्झदेसो, P य for सु. 7) Jपभूत for बहु, गजिअ P गद्दिय. 8) P°उलासमयकेया, P-निहाओ, P-निहाय, P उर for उल. 9) P उहरि'. 10) पक्वाभिघायलण, J गोवियणो गोविअण, Pरसखिप्प. 11) पहिअयणो पहिअयण, Pहासिज, णिअणो, Jणअणा, मण्ड. 12) Jहरो बत्ति, P माणहरो. 132 कव्बाबंधो, कउ ।। छ ।1. 14)P काले, वंचियं P पुंजिया, P पुण्णप्पत्ति, बीड, पिवा. 15) P"हलहला,J°बुप्पय . P पडिरवा, P संखुद. 16) P भाया, P नाणामणिनिम्मविय,J विज, P कराविज्जत, Pणावबद्ध, P नयला. 17) Pom. महा, J घडिअ, J has a danda after "प्पहा, बद्धा for वंद्रं J करअल, P ताडियसुरवर गिजंत, निनाया. 18) P°सिणीयण, P लया, J ताल-, P हलुट्टप', Pणघरवारि, Pणियरा, P महा for णव. 19) Jom. सब, Pमणोहरा, P सुबइ, P नयरी, P जा य महारिस, P"सेयमणंतर. 20) Jom. नलिणि of P, P निक्खि, I om. कर, पल्हथिअ. 21) Fविणीयंकिया, P नाम, P नयरि. 22) P"सिया, P समुद्दो विय, I गिरि वित्र, च for य. 23)Pबुत्ता च, P निरं', व for विय, P विच्छन्ना. Jom. सय. 24)J सगुत्ता, P पईवु, I जोइय त्ति ॥छ ।.25) P लंधण for हीरण, Pघडिय व जीय, J7 || छ।.26)Jom. य. विमणि, वीहिओ विअडकामुअP वीहीविय त्ति कामुग, विय, वयणाहिवास, P पडिवासविच्छद्धाओ. 27) P चिय for इव, P कंकोलय, P गत्तणाउ, P कुमारियाउ चिय. 28) P विव for श्व, P दंसणस्थ for दंसणे. J वित्थारियअवकसण, P "रियायं च कसिण, P नेत्त, जुम P अन्ना. 29) J गण्ड', Pमंडलीओ इय, विविहबहुयर for बहु etc., J "याओ॥ छ॥, P अन्ना उण, मण्ड', सणि , P सन्निहिय.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org