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उज्जोयणसरिविरइया जेहि कए रपणिज्जे वरंग-पउमाग चरिय-वित्थारे । कह व ण सलाहणिजे ते कइणो जडिय-रविसेणे ॥
जो इच्छइ भव-विरहं भवविरहं को ण वंदए सुयणो । समय-सय-सत्थ-गुरुणो समरमियंका कहा जस्स ॥ ३ अण्णे वि महा-कइणो गरुय-कहा-बंध-चिंतिय-मईओ। अभिमाण-परकम-साहसंक-विणए विईतेमि ॥ एयाण कहा-बंधे तं णत्थि जयम्मि जं कह वि चुकं । तह वि अणतो अस्थो कीरद एसो कहा-बंधो॥
७) ताओ पुण पंच कहाओ । तं जहा । सयलकहा, खंडकहा, उल्लावकहा, परिहासकहा, तहा घरा कहिय त्ति । 6 एयाओ सव्वाओ वि एत्थ पसिद्धाओं सुंदर-कहाओ। एयाण लक्खण-धरा संकिण्ण-कह त्ति णायब्वा॥
कत्थइ रूवय-रइया कत्थइ वयणेहि ललिय-दीहेहिं । कत्थइ उल्लाहिं कत्थइ कुलएहि णिम्मविया ॥ कत्थइ गाहा-रइया कत्थइ दुवईहि गीइया-सहिया । दुवलय-चकलएहिं तियलय तह भिण्णएहिं च ॥ कत्थइ दंडय-रइया कत्थइ णाराय-तोडय-णिबद्धा । कत्थइ वित्तेहि पुणो कत्थइ रइया तरंगेहिं ॥ कत्थइ उल्लावेहिं अवरोप्पर-हासिरेहि वयगेहिं । माला-चयहिँ पुणो रइया विविहेहि अण्णेहिं ॥ पाइय-भासा-रइया मरहट्ठय-देसि-वण्णय-णिबद्धा । सुद्धा सयल-कह चिय तावस-जिण-सत्थ-वाहिल्ला ॥ कोऊहलेण कत्थइ पर-वयण-वसेण सक्कय-णिबद्धा । किंचि अवब्भंस-कया दाविय-पेसाय-भासिल्ला ॥ सव्व-कहा-गुण-जुत्ता सिंगार-मणोहरा सुरइयंगी। सव्व-कलागम-सुहया संकिपण-कह त्ति णायचा ॥
एयाणं पुण मज्झे एस चिय होइ एत्थ रमणिज्जा । सव्व-भणिईण सारो जेण इमा तेण तं भणिमो॥ 15६८) पुणो सा वि तिविहा । तं जहा । धम्म-कहा, अत्थ-कहा, काम-कहा । पुणो सब्व-लक्खणा संपाइय-तिवग्गा 15 संकिण्ण त्ति । ता एसा धम्म-कहा वि होऊण कामत्थ-संभवे संकिण्णत्तणं पत्ता।
ता पसियह मह सुयणा खण-मत्तं देह ताव कण्णं तु । अब्भस्थिया य सुयणा अवि जीयं देति सुयणाण ॥ अणं च । 18 सालंकारा सुहया ललिय-पया मउय-मंजु-संलावा । सहियाण देइ हरिसं उव्वूढा णव-बहू चेव ॥
18 सुकइ-कहा-हय-हिययाण तुम्ह जइ विहु ण लग्गए एसा। पोढा-रयाओ तह वि हु कुणइ विसेसं णव-वहु ब्व ॥ अण्ण च। णजइ धम्माधम्म कज्जाकज हियं अणहियं च । सुब्वइ सुपुरिस-चरियं तेण इमा जुज्जए सोउं ॥
६९) सा उण धम्मकहा जाणा-विह-जीव-परिणाम-भाव-विभावणथं सव्वोवाय-णिउगेहिं जिणवीरें देहिं चउबिहा 21 भणिया। तं जहा । अक्खेवणी, विक्खेवणी, संवेग-जणणी, णिव्वेय-जणणि त्ति । तत्थ अक्खेवणी मणोणुकूला, विक्खेवणी मगो-पडिकूला, संवेग-जणणी णाणुप्पत्ति-कारण, णिवेय-जणणी उण वेरग्गुप्पत्ती । भणियं च गुरुणा सुहम्म-सामिणा । 24 अक्खेवणि अक्खित्ता पुरिसा विक्खेवणीऍ विक्खित्ता । संवेयणि संविग्गा णिव्विण्णा तह चउत्थीए ।
24 जहा तेण केवलिणा अरणं पविसिऊण पंच-चोर-सयाई रास-णयण-च्छलेण महा-मोह-गह-हियाई अक्खिविऊण इमाए
चञ्चरीए संबोहियाई । अवि य । 2] संबुज्झह किं ण बुज्झह एत्तिए वि मा किंचि मुज्झह । कीरउ जं करियव्वयं पुण ढुक्कइ त मरियम्वयं ॥ इति धुवयं । श
कसिण-कमल-दल-लोयण-चल-रेहंतओ। पीण-पिहुल-थण-कडियल-भार-किलंतओ।
ताल-चलिर-वलयावलि-कलयल-सद्दओ। रासयम्मि जइ लब्भइ जुवई-सत्थओ॥ 30 संबुज्झह किं ण बुज्झह । पुणो धुवयं ति । तओ अक्खित्ता ।
असुइ-मुत्त-मल-रुहिर-पवाह-विरूवयं । वंत-पित्त-दुगंधि-सहाव-विलीणय ।
1)जेहिं, P न, J जटिअ-, P सेणो. 2) P को न वंधए, सुअणो, J सवर. 3) P अन्ने, गरुअ-, चिन्तिअमईआ, P अहिमाण, संकवियणे. 4) बद्धे, P नत्थि जयंमि कवि, कविवि चुकं, कहाबद्धो. 5) P puts numbers after each kaha, J खण्ट', P वरकहिय, कहिअत्ति. 6) Pएयाउ सम्वाउ एत्थ, एआण P पयाण, P संकिन्न, ति व नायव्या ॥छ।।. 7) P कत्थय (in both the places), P क्यणेहिं, ' -दियएहिं ।, adds कत्थर उल्लावेहिं on the margin in a later hand [उलालेहिं ], P कुलप.हि निम्म विआ. 8) P रइआ, दुवतीहिं, Pतियलिय, भिन्न. 9) J दण्टय (?), P नाराय, J चित्तेहि P वित्तेहि. 10) Pासिएहिं, J अणेहिं P अन्ने हिं. 11) I पायय, बण्णयविद्धा, J बाहिला. 12) P निबद्धा, का, दो विय. 13)P कलागुण, J इअंगी, P संकिन्न, P नायब्वा, भणिमो । छ।. 15) संपादिअ P संपाईय. 16) J कामअस्थ, P संकिन्न. 17) पसिय महह सुअणा P पसियह महासुयणा, P देसु, कण्ण त्ति । कन्नं तु, J सुअणा, I जीवं देन्ति सुअणाण, P अन्नं. 18) मउअ, P मंजुलल्लावा, P नव, येव for 'चेव. 19) सकय, " जय वि हुन लग्गए, । पोढ. P नव, P अन्नं. 20) P नजद, J धम्माहम्नं, J हिअं,J "हिअं. 21) Pसो उण, P नाणा, P विभावणसव्यो', P जेण'. 22) भणिआ, J संवेयणी, J णिब्वेयणी ।, P निव्वेय, P मणाणुकूला 23) संवेय, P"जण उण, J भणिअं, P सुहम. 24)J विक्खेवणीय P किक्खेवणीए, P निबित्रा, संजमइ त्ति ॥ for तह etc. 25) अरणं पइसि', ' अरन्नं, चणकलेग, J हिआई, P मोहग्गहरगहि. 26 'हियाणि. 27) JP किण्ण, I एत्तिल्लए, P बुक्कद, J मरिअ. 28) लोयण वलारहंतओ, P पिहुलघणकहियल, J कडिअल, " किरंतओ. 29) J -वलिर, P बयलावलि, P रासयंमि, J जुअतीसस्थओ. 30) JP किण्ण, Jom. ति, P तत्तो for तओ. 31) J मंस for वंत, P पित्तं , P विरूवयं ।
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