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3 विजय वीरपुर्ण सग्गेण व कलि-भ-सम-सारं पच्छा निय-वे सूडे विशुद्ध-लेखानो ।। कोचाई जल एकेके सोखने लोभ पच्छा करेइ खंडे असंख-मेरो उ लोहस्व ॥ एकैकं खवयंतो पावइ जा अंतिमं तयं खंडं । तं भेत्तृण करेई अणंत-खंडेहिँ किट्टीओ ॥
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सेतो भण्णइ महामुनी सुदुम संपराओ ति अहवा पुण पाय चारितं तं पि लंघेउं ॥ पंचवर उगरण काल जा वीसमित्तु सो भीरो दोहिं समर्हि पावर केवला महासत्तो ॥ पयले पिद पंच-विदंसणं च वियपं । पंच-बितराय च खवेत्ता केवली जाभी आय-कम्मे च पुनो खनेइ गोरेण सह य णामेण सेसं पि नेयणीये सेलेसीए विमुको सो ॥ अह पुत्र पओए बंधण-खुडियत्तणेण उल-गई । लाउय- एरंड-फले अग्गी-धूमे यदिता ॥ ईसीप भारा पुहईए उवरि होइ लोयतो । गंतूण तत्थ पंच वि तणु-रहिया सासया जाया ॥ णागमनं ताण चारित्त वीरिव सणादं सुदुमा निरंजणा ते अक्सय पोक्खा परम-सुद्धा ॥ अच्छेजा अब्भेजा अव्वत्ता अक्खरा निरालंबा । परमप्पाणो सिद्धा भणाय-सिद्धा य ते सव्वे ॥ सा सिवपुरिति भणिया अयला स चेय स चियापावा । से तं दीवं तच्चिय तं चिय हो बंभ-लोयं ति ॥ खेमंकरी य सुहया होइ अणाउ ति सिद्धि-ठाणं च । अववग्गो व्याणं मोक्खो सोक्खो यसो होइ ॥ वत् ण जरा ण म ण वाहिणो शेष सय्यदुक्खाई। अयंत सास चिय भुंजंति अगोवमं सोक्खं ॥ एत्थ य कहा समप्पइ कुवलयमाल त्ति जा पुरा भणिया । दक्खिण्ण-इंध-बुद्धी-विद्यारिय-गंध-रयणिल्ला ॥
$ ४२७ ) पणय - तियसिंद-सुंदरि-मंदर-मंदार - गलिय-मयरंदं । जिण चलण-कमल-जुयलं पणमह मुहलालि-संगीयं ॥ पड चिय णपरी-वण्णणम्मि रिद्धीओ जा मए भणिवा धम्मस्स फर्क अक्वणितमा तथा ॥
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उज्जोयणसूरिविरइया
सूर्य णिडाणं खाइय-सम्मत काम दुखलियं लेणं अवि कसाव रिनु डामरे हम ॥ झोसेइ णसत्तं इत्थी वेयं च अण्ण-समपुण । हास रइ छक्कमण्णं समपुर्ण गिद्दहे वीरो ॥
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पंडसोम-आई-ता पंच ते वि कोधाई संसारे दुक्ख फला सम्हा] परिहरसु दूरेण ॥
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जाओ पच्छायात्रो जह ताणं संजमं च पडिवण्णा । तह अण्णो वि हु पावी पच्छा विरमेज उवएसो ॥ जिण-द-फलमे जो जिनसेहरी तिनं कहिओ सादम्मियाण हो जीवाण बरं वदीणं तं ॥ वर-परंपर-भाव संवेगो तिरिय-धम्म- पविची बिनाहरण सिद्धी लहरिवं पुणियखाणे | सरणागयाण रक्खा धीरं साहम्मि वच्छलत्तं च । अपमत्त सुलभ-बोही संवेगो भिल-वुत्तंतो ॥ कुवलयमाला हवं धम्म-फलं तस्य जो य लिंगारो तं कव्य धम्म- अक्वणीय सम्म- कोण ॥ सम्मत्तस्स पसंसा घेप्पर वयणं जिणाण लोगम्मि । चित्तवडेण विचित्तो संसारो दंसिओ होइ ॥ विष्णाण सत्त-द्वारो छोइ कुमारस्स दंसिजो तेण । जिणणाम-मेव-सत्ती वर्त्तते परिंदाण ॥ पर-तिविषाणमेती सहव जागा-मगेण जिण ववणं होइ विशुद्ध-वरा जुन्या तं सारं ॥ जय समिला- दिहंतो दुलहं माणुस्सयं च चिंतेसु । दिय लोए धम्म-फलं तम्हा तं चेय कायव्यं ॥ कम्मर गईं हस्स परिणई बुज्झणा य थोएण । धम्म-पडिबोह-कुसलत्तणं च वीरेण णियय-भवे ॥
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4 > कोधाती संजलगा 6 ) असावं. 7)
1 ) नियडिट्ठाणं खाइसम्मत्तलाह. 2 ) झोसह णर्मसत्तं इत्थीवेतं " सोसेइ नपुंसतं इत्थीनेयं, P हासाइछक्कम J-रति-, P निज्जिरे वीरो, उ धीरो for वीरो. (3) P कस्सयल, पुंवेतं, J लेस्साओ. P कोदाई J लोहंतं, करेति, मेते तु P मेत्तो उ. 5 ) P णवइ for पाव, करेती. पंचखर, सो for जा, P वीसमीउ सो वीरो, P केवलिना. 8 J पढमे, Pom.च. 9 ) P आउएखमं, खवेति, P for य, वेतणीयं. 10 एरंडलं. 11 ) has संजया twice for सासया 13 ) P अच्छञ अकया निरालंबा, P अगाय मुद्धा. 14 ) Pस चिय अणाहा, तद्दीवं, Pom. तचिय. 15 J होउ for होइ, P अपवर्ग 16 ) P ने दुक्खसव्वाई, उ सासतं, Padds य after चिय 17 ) दिक्खिण्ण', P बुधी-. 18 ) P पणयसुरसिद्ध सुंदरि मंदारलिय जिवन 19 ) चिप नगरी बानि 20 आवी] for आई कोपाती कोहा संसार. 22 )J बलं च दीगंत, P वदीणत्तं. 23 ) P विभहरणाण सिद्धि अच्छबरं, P एणियाखाणे. 24 ) P रक्खी, सुलह
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25 J कम्म for कव्व 26 ) J लोअंमि तित्ययाण मेली, P मित्ती, Pom. तं सारं.
P चित्तपडे वि विचितो. 27 ) P कुमार, जिणे णाणं सम्मत्तसत्ती. 30
P गई नेयस्स, P थेवण .
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