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कुवलयमाला 1 तित्तिर-कवोय-सउणत्तणम्मि तह ससय-मोर-पसु-भावे । पासत्थं चिय मरणं बहुसो पत्तं तए जीय ॥
पारदिएण पहओ णटो सर-सल्ल-वेयणायल्लो । ण य तं मओ ण जीओ मुच्छा-मोहं उवगओ सि ॥ दत पदीव-सिहं किर एयं णिम्मलं महारयणं । गेण्हामि त्ति सयण्हं पयंग-भावम्मि डड्डो सि ॥ बडिसेण मच्छ-भावे गीएण मयत्तणे विवण्णो सि । गंधेण महुयरत्ते बहुसो रे पावियं मरणं ॥
४१७) किं वा बहुएण भणिएण। जाई जाइं जाओ अणंतसो एक्कमेक-भेयाए । तत्थ य तत्थ मओ हं अव्वो बालेण मरणेण ॥ णरयम्मि जीव तुमए णाणा-दुक्खाई जाइँ सहियाई । एहि ताई सरंतो विसहेजसु चेयणं एयं ॥ करवत्त-कुंभि-रुक्खा-संबलि-चेयरणि-वालुया-पुलिणं । जइ सुमरसि एयाई विसहेज्जसु वेयणं एयं ॥ तेत्तीस-सागराई णरए जा वेयणा सहिति । ता कीस खणं एक विसहामि ण वेयणं एय॥ देवत्तणम्मि बहुसो रणंत-रसणाओ गुरु-णियबाओ । मुक्काओ जुवईओ मा रजसु असुइ-णारीस॥ वर्जिद-णील-मरगय-समप्पभं सासयं वरं भवणं । मुक्कं सग्गम्मि तए वोसिर जर-कडणि-कयमेयं ॥ णाणा-मणि-मोत्तिय-संकुलाओँ आबद्ध-इंद-धणुयाओ । रयणाणं रासीओ मोत्तुं मा रज विहवेसु ॥ ते के वि देवदूसे देवंगे दिव-भोग-फरिसिल्ले । मोत्तण तुमं तइया संपइ मा सुमर कथडए ॥ वर-रयण-णिम्मियं पिव कगय-मयं कुसुम-रेणु-सोमालं । चइऊण तत्थ देहं कुण जर-देहम्मि मा मुच्छं ।। मा तेसु कुण णियाणं सग्गे किर एरिसीओ रिद्धीओ। मा चिंतेहिसि सुवुरिस होइ सयं चेव ज जोग्गं ॥ देहं असुह-सगभं भरियं पुण मुत्त-पित्त-रुहिरेण । रे जीव इमस्स तुम मा उवरिं कुणसु अणुबंधं ॥ पुण्णं पावं च दुवे वचंति जिएण णवर सह एए। जं पुण इमं सरीरं कत्तो तं चलइ ठाणाओ॥ मा मह सीयं होहिइ ठइओ विविहेहि वत्थ-पोत्तेहिं । वञ्चते उण जीए खलस्स कण्णं पिणो सिणं ।। मा मह उहं होहिइ इमस्स देहस्स छत्तयं धरियं । तं जीव-गमण-समए खलस्स सव्वं पि पम्हट। मा मह छुहा भवीहिइ इमस्त देवस्स संबलं बूढं । तं जीव-गमण-काले कह व कयग्येण णो भरियं ॥ मा मे तण्हा होहिइ मरुत्थलीसुपि पाणिय वूढं । तेण चिय देह तुम खल-गहिओ किं ण सुकएण ॥ तह लालियस्स तह पालियस्स तह गंध-मल्ल-सुरहिस्स । खल देह तुज्झ जुत्तं पयं पिणो देसि गंतवे ।। अव्वो जणस्स मोहो धम्म मोत्तूण गमण-सुसहायं । देहस्स कुणइ पेच्छसु तहियह सव्व-कज्जाई॥ णत्थि पुहईए अण्णो अविसेसो जारिसो इमो जीवो। देहस्स कुणइ एक धम्मस्स ण गेहए णाम ॥ धम्मेण होइ सुगई देहो वि विलोहए मरण-काले । तह वि कयग्घो जीवो देहस्स सुहई चिंतेइ ॥ छारस्स होइ पुंजो अहवा किमियाण सिलिसिलेंताण । सुक्खइ रवि-किरणेहि वि होहिइ पूयस्स व पवाहो ॥ भत्तं व सउणयाणं भक्खं वासाण कोल्हुयाईणं । होहिइ पत्थर-सरिसं अव्वो सुकं व कर्ट वा ॥ ता एरिसेण संपइ असार-देहेण जइ तवो होइ । लद्धं जं लहियवं मा मुच्छे कुणसु देहम्मि ॥ अवि य, देहेण कुणह धम्म अंतम्मि विलोट्टए पुणो एयं । फग्गुण-मासं खेल्लह परसंते णेय पिटे य॥ ताविजउ कुणह तवं भिण्णं देहाओं पुग्गलं देहं । कट्ठ-जलंर्तिगाले परहत्थेणेय तं जीव ।। देहेण कुणह धम्म अंतम्मि विलोहए पुणो एयं । उदृस्स पामियंगस्स वाहियं जं तय लद्धं ॥ पोग्गल-मइयं कम्म हम्मउ देहेण पोग्गल-मएण । रे जीव कुणसु एयं विलं विल्लेण फोडेसु ॥
1) J कपोत, P कवोतसउणवरंमि तह, P मासत्थं for पासत्थं, J जा P जीव. 3) J पईवसिहं, Pत्ति यण्हं, दट्टो सि. 4) Pपडिसेग for बडिसेण, P मयत्तेण, P महुरयत्ते, P महुरयत्ते, ए for रे, P पाविओ मरणे. 5) I बहुभणिएण. 6) P जाओ for the first जाई, Pom. जाओ, P एकमेकदाए. 7) P नरणमि भरतो, वेसहेज्ज सु. 8) Pom. the verse करवत्त etc. to वेयर्ण एयं ॥. 9) J तेत्तीस सगराई. 10) J रसणा गुरु', P मारेजसु. 11) P मरमयसमप्पयं, Pom. जर, P कडकयनिकयमेयं. 12) P धनुया । णाणं रासीओ, P मारेज. 13) Pदिव्वंगे, P फरिसिलो, P कंथरए, 14) सोमारं । 15) Pसपुरिस, चेय. 16) F सगम्भंतरियं, P हिराण, P कुमणसु. 16) P वञ्चति, P एते, Pट्राणाओ. 18) P महं सीई होही, P कणं पि ना मिलं ॥. 19) Pदेह छत्तयं. 20 P भवीहइ, P संबलं मूढ़. 21) तेगं चिय, P खण for खल. 22) " एयं for पयं. 24) P पुहतीए अण्णो, P देह कुणद कज्जं धम्मस्स. 25) P सुगती. 26) P सुका, Pवा for वि, होहिति पुत्तिस्स व, P पूयस्स बाहो ॥. 27) कोल्हुआतीग । होहिति. 28) P तओ होइ, P यवं मु मा मुग्छति कुण. 29) Jखेलह, ' परसत्ते, P परिसंतेगाय पिठूगं. 30) J कत्थसुजलर्तिगालो पर पर P कट्टजलंतंगारे परहत्थेणाय. 31) Pवाहितं. 32) हम्मं उ, P जीय कुण एय, P फोलेडेसु.
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