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आभार प्रदर्शन
प्राकृत भाषाकी इस अद्भुत महाकथाके प्रकाशनमें जो मुद्रण संबन्धी व्यय हुआ है, उसका अर्ध भाग, भारत सरकारने देनेकी कृपा की है । तदर्थ सरकारके प्रति हम अपना धन्यवाद पूर्वक सादर कृतज्ञ भाव प्रकट करना चाहते हैं ।
- मुनि जिनविजय
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