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कुवलयमाला
नागा उदहि-सुवण्णा अग्गी विज्जू य जाव इंदंता । एए सव्वे देवा सराइणो दोस- मोहिल्ला ॥ एयाण पूर्ण अच्चणं च जो कुणइ परम-भत्तीए । राय व्व तस्स तुट्ठा देंति धणादी य कल्लाणे ॥ भक्तीऍ जे उ तुट्टा नियमा रूसति ते अभत्तीए । सह भाविणो व मोहे रागद्दोसा इमे दोणि ॥ जह णरवणो कुविया रज्जादी- दिण्णयं पुण हरंति । इय तह देवा एए सुहमसुहं वा फलं देति ॥ अह पुच्छसि पुण्णेहिं सा रिद्धी ताण किं व देवेहिं । अह देवेहि मि कीरइ ता कम्मं णिष्फलं तत्थ ॥ जइ तस्स तारिसं चिय कम्मं ता किं व तत्थ देवेहिं । अह तस्स देवय च्चिय करेंति ता णिष्फलं कम्मं ॥ एसो तुज्झ वियप्यो गोदम चित्तम्मि वहए एत्थ तं अनु-बोणत्यं साहिष्यंतं णिसामेदि ॥
भणियं उदयाई खय उवसम मिस्स परिणए कम्मे । दव्वं खेत्तं कालं भवं च भावं च संपप्य ॥ तत्थेरिस कम्मं किं पि भवे णमसिएण देवाण । वञ्चइ उदयं खय उवसमं च खेत्तम्मि वा काले ॥ या तारिस-कम्मुदो देवाणं णमखियं च सहभावी तं खलि बिल सरिसं कागागम-तालवणं च ॥ जंणरवदी वि गोम सेवा कम्मेण तोसिओ देह कम्माण सो विवागो वह वि हु दिष्णं ति णरवणा ॥ देवा य मंगलाई सउणा सुमिणा गहा य णक्खत्ता । तह तह करेंति पुरिसं जह दिट्ठं पुष्व - कम्मेहिं ॥ इय एए राग-मणा संपइ णीरागिणो वि वोच्छामि । जाण पणामो वि कओ मोक्खस्स गई णिरुवेइ ॥ तिरा भगवंतो सिद्धा णि-कम्म-गण-गणा भव- वलियो एए रय-मय मोहेहिं परिहरिया | ताणं वयणाभिर आयरिउज्झाय सम्यसाहू य भावेण णमंसंतो गरूपं पुष्णफलं लहसि ॥ पुणेण होइ सग्गो सग्गाओं सुमाणसेसु पुण जम्मं । सुकुलाओं धम्म- बुद्धी सम्मत्तं जिणमए होइ ॥ तत्तो णाणं णाणाओं होइ चरणं पितेण जिरणं णिजरणाओ मोक्खं मोक्खे खोक्खं अणाबाई ॥ जो ताण कुण थवणं भयणं विवं च पूयणं अहवा पारंपरेण सो विहु मोक्ख-सुहं चेय पावे ॥ अह भणसि तुमं गोदम काय-मणो वाय विरहिया कह णु कोव पसाय विमुका कुमति कह मोक्ख सोक्खाई ॥ जिय-राग-दोस- मोहा कह ते तुट्टा कुणंति वर - सावे । सावाणुग्गह रहियं को किर सेवेज थाणुं वा ॥
९ ३९६ ) एत्थ णिसुणेसु गोदम रागहोसेहिँ वज्जिया जइ वि । सावाणुग्गह हेऊ भवंति ते भावण-वसेण ॥ जह वण्णंतो वण्णे सुवण्ण-वरणे पुरम्मि चउरंसे । माहिंद-वज-चिंधे विचितिओ कुणइ विस-थंभं ॥ जवणी सोचिय अनुमि-वंदम्म अमिष भरियम्मि पउमचण-जलदेवे हर विलं खत्तिय फणिम्मि ॥ जह मज्झिमाए सो थिय रते से सेव-सोत्धिव सत्थे । वइस फणिंदे छूढो विसस्स अह पोहणं कुण ॥ जह य अणामाऍ पुणो कसणो वट्टो य विहुम-विचित्तो । सुद्ध-फणि-वाउ-देवे छूढो संकामणं कुणइ ॥ सोच्चि हंसो ह-मंडलम्मि रव-मेत्त-संठिओ सुहुमो । चिंतिय- मेत्तो एसो विसस्स णिव्वाहणं कुणइ ॥ एवं गोदम पुई आऊ तेऊ य पचण-गयता पंच वि भूषा पंचगुली पयरंति कम्माई ॥ एको चिय विष्णत्तो मंडल-भेदेण कुणइ कम्माई ण य तस्स राग-दोसा हिय-अणहिय-चिंतणं णेय ॥ एएण चिंतिओ हं पीओ थंभं करेमि एयस्स । एएण अमय वण्णो एयस्स विसं व णासेमि ॥ एवं थोदो संकम- णिव्वाहा रत्त-कसिण-सामेहिं । ण य सो करेइ चिंतं अणुग्गदं णिग्गदं कुणइ ॥ एसो तुदितो तो गोदमा मए दिगो जह एसो तह भगवं जाणेजसु वीयरागो वि ॥ ण व सो चिंते इमं अणेण जसंधुलो अहं एसो । पायेमि सिद्धि-वसई ण कमाइ चिर्चित एवं ॥ अहवा
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1 ) उवहि, एते, P होति for दोस- 2 padds पडिया before पूयणं, Pom. अघणं, उ घणाई. 3 ) Jom. उ, P रुमति ते य तुट्ठीए I, P मोहो रागं दोसा इमे होंति ॥ 4 ) P जह नवरं नरवरणा कुविया, P रज्जादि दिन्नय हरंति । एते. 5 ) P अहं किंचि for किंव, ए अहवा देवेहिं मि, P तस्स for तत्थ. 6 ) P तस्स दिवय, J adds ताणि before ता. 7 ) P गोयम चित्तं पिट्टए, P जं for तं. 8) उदयाती, Pom. उदयाई, मिस्सदि परिगदि कम्मे, P मिस्सादी - 9 ) P भवे नमसिएण, देवेग, p repeats उदयं, Pom. वा, P कालो. 10 J कम्मुदयो, P कंमुवओ देवाणमंसियं च सुदभावी । तं खिल्लि विल्लि, P कागागमलवडणं. 11 ) P गवई, P गोयम सेवाधमे, तोसितो, P विवासो तह. 12 Jसउणा for सुमिणा, P तं for second तह. 13 Jएदे. 14) भयवंतो, P सिद्ध निद्दद्ध, णिड्डड्ड, एते. 15 ) P वयणा तिरए, P गरु for गरुयं. 17 > P सोखं. 18 ) P भवणं for थवणं. (19) P गोयम, कोय-, P तह for कह, सोक्खाती P सोक्खाइ 20 ) J जित, P जे वीतरागमोहा, P व्व for वा. 21 गोयम, हेतू, P भांति ते. 22 ) वृण्णा वंनो for qण्णे, P चउरंसि, P चिण्हे for चिंधे, विष्णतिओ for विचितिओ P विसं. 23 ) P जे for जह, तज्जणीय, अद्धमि, अमय, P जलदेवा: 24 > 3 से for सो, सो चिरते तं चिप सोचिय पस्थे सट्टाछुटो अहवा कुणं ॥ 25) कसणवट्टो, P पुणो वसणे वट्टे य बिंदुय विचित्ते । अद्दफणि, वायु, J 26 > J सामो for हंसो, P वर for रख, ए चिंतिमेत्तो, चिय सो for एसो. 27 ) P गोयम, P पवणमयणे य। भूता पंचगुलिआ पयरेंति, P कंमाइ. 28) Jवण्णंतो for विण्णत्तो, Pएण वि for अणहिय, अणहियं. 29 ) पीतो P पीउं, adds देत्ता before थंभ, एतस्स, एतेण एद्स्स विसं व णामि 30 ) Padds च ॥ after एवं उ रंत, P से करे, अणुग्गओ णिग्गहे. 31 ) Jom. वण्णंतो, गोयमा, दिट्ठाण्णो for दिण्णो, उ वीतरागो. 32 ) P जह अण्णेण जह संथुतो, P कयावि, P om. एवं.
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