________________
9
3
6
12
15
उज्जोषणसूरिविरहया
३२९) एवं च तस्स गुणिणो वा कालो कुवलयदस्य । पुण असेस गरिंद-मंद-मंडली-मउड-कोटि-विद म-सिमानमसि णिव चलन पट्टस्स वोलीणाई सतवास-लखाई रजे करेंतस्स । एवंतरम्मि पडम सरस देवस्स के तो वह पत्तो । अविव ।
२१३.
जायइ आसण-कंपो छाया परियलइ गलइ माहप्पो । विमणा य वाहणा परियणो य आणं विलंघेह ॥ ततं च जाणि तख खणमेकं परिचिंतिऊण दीन-विमण-दुम्मण-हियएण वियारियं हियए ।
मा होह रे वसन्जो जीव तुमं निमण दुम्मनो दीणो ण हु चितिएण फिर से दुक्ख जे पुरा रइयं ॥ जह पहल पावा व दरि गुहा समुद्दे वा पुण्य कमाउ ण मुंचसिता वायसे जइ वि ॥ जइ यस वलसि वेवसि दीणं पुलए सि दिसि - विदिसिय के । हा हा पलवसि विलवसि चुक्कसि कत्तो कर्यताओ ॥ जइ गासि धासि दुम्मण मुज्झसि अह लोलसे धरणिवट्टे । जंपसि मूओ व्व ठिओ चुक्कसि ण वि तं कयंताओ ॥ जं चैव कर्य से पेय भुजसे गधि एत्थ संदेहो अक को पाविसि जह जि सयं देव-राओ ति ॥
मा हो जुरह पुरिसा विवो णत्थि ति अम्ह हियगुण जं पुण्यं चित्रण कयं तं कत्तो पावसे पुि मा हो मज्जह पुरिया विवो अम् ति उत्चुणा हियए । किंपि कयं सुकयं वा पुणो वितं चैव भे कुणा ॥ होऊण अभ्छ ण हुयं मा दीणा होह इय विचिंतेह | काऊण पुणो ण कथं किं पि पुरा सुंदरं कम्मं ॥ ता एत्तियं मए चिय सुयं सुकयं ति अण्ण-जन्मम्मि एसियमेतं कालं जं भुतं मति दिय लोए ॥ जेहिं कर्म सरिसेहिं पुचम्मदण-सम ते सच्चे मह सहया पुत्रयरं पालिया पढर्ण ॥ चिय विहये चिश्वश्यं आसि काल-परिणामं । एवं ठियम्मि किं जह अप्पार्ण देमि सोयस्स ॥
1
वाम
[ ३२९
।
३३० ) वा जं संपद संपत काल से चैव काहामि ति आगओ अयोज्झा-पुरवरिं दिट्टो राया कुवलयद 18 कुवलयमाला य साहियं च ताण जहा 'आहे अमुग-मासे अमुग- दियहे तुम्छ पुतो भवीदामिति । ता इमाई पउमकेसर णामकिवाई दिवाई कय- कोंडल-कंठाभरणादीबाई आभरणाई गेण्डद इमाई प मह पसरमाण-बुद्धि- बित्थरस्स परिषग्वाई । जेण इमाई बहु-काल-परिहियाई पेच्छमाणस्स मह जाईसरणं उपपज्जइति । पुणो जेण उप्पण्ण-पुव्व-जाई - सरणो 21 संजाय बेरग्गो ण रज्ज-सुहे खुडु विमगं करिति । किंतु भव-सय सदस्य दुछदे जिण मग्गे रहूं करेमि ति भणमाणेण 44 समपियाई आभरण्याई । उप्पइओ य णहयलवहं संपत्तो सगं । तत्थ य जहा-तव-विहवं पुणो वि भोए भुंजिउं पयत्तो एवं च वर्धते दिवस तम्म पेव पठमकेसर देव दिषणे ओहि दिय उमईए कुवलयमाला उपयोगभो 24 जहासु च मणोरह-सय-सप संवदियो । जिय-काल मासे व संपुष्ण-सयल दोलाए सुकुमाल-पाणि-पानो जानो मणिमय वाउलओ विय दारओ ति । सो य परिवाडीए वढमाणो गहियासेस-कला-कलावो पसर माण- बुद्धि- वित्थरो जाओ । तओ तस्स य से णामं पुष्व कयं चेय मुणिणा पुहइसारो ति । तओ तस्स समोपियाई ताई आभरणाई । ताणि 22 य पेच्छमाणस्स 'इमाई मए दि-पुन्वाई' ति दाह-मग्गण-गवेसणं कुर्णवस्त्र शन्ति जाईसर समुप्पण्णं वनो संभरिय पुव्व- दुक्खो मुच्छिभ पडिओ धरणिवट्टे । ससंभ्रमं पहाइएण य सित्तो चंदण-जलेण सहयर-सत्येणं ति । तभ आसासिभो चितिडं पयत्तो । 'अहो, तारिसाइं सग्गे सुहाई अणुभविऊण पुणो वि एरिसाई तुच्छासुद्द-गिदियाई भइ मणुय-सुहाई जीयो अभिल तिरिन्धु संसारवासस्स अहवा चिरत्थु जीवस्स अहवा धिरधु कम्मस्स अहवा पिर दोसाणं | अहवा धिरत्धु पुणो वि इमस्स बहु- दुक्ख सहस्साणुभव - णिन्विलक्खस्स णिय-जीव-कलिणो, जो जाणतो वि दुक्खाईं, वेतो वि सुहाई, बुज्झतो वि धम्मं, वेयंतो वि अहम्मं, पेच्छतो वि संसारं, अणुभवतो वि वाहि-वियारं, वेवंतो 1) मुदिर, निवसेस for पुन असेस, कोडी 2) गणाम सिणी अबोली- 3) प for वट्टिउं, Pom. अवि य. 4 ) P विमणो, P परियणा वि आणं विलंघेति 5 ) 3 एवं for तं, हियएणावि आवि अहिअए. 6 ) P होभि for होह, दिट्ठइ for फिट्टर, P इयं for रइयं. 7 पयससि, P गुहं, P मुंचणि for मुंचसि, खाइसे. 8 ) 3 दस- for दिति, विलवसि for पलवसि. 9 ) P वासि for घासि, Pom. अह, P लोलसि, 3 अउ for मूओ, कत्तो for वि तं. 10 ) P जं चिय कयं तं चिय भुंजसि, पावर for पाविसि. 11) विओ णत्थि, मज्झ for अम्ह, 3 inter. तं & कतो, P पावसे इन्ह ॥ 12) P म हो गव्वह पुरिसो, अअं for अम्हं, P अनुणो for उत्तणा, सुकयं हो पुणो वि. 13) वितेह 15 > P जे कहिं, सयरया for सहया 16 ) P विवो चिरयरं, आसि परिमाणं, " अत्ताणं. 17 ) P जं तं for ता जं, Padds कायव्वं before तं चेय, P चेय कहामि, P आउज्झापुरवरिं- 18 Pm च, 3 adds य before तुम्ह, Pom. त्ति, om. ता, J adds च after इमाई, P पउमसारणामं कियाई किं दिव्वाई. 19 ) कणय for कटय Pom. भरणा, आहरणाई. 20 ) Pom. जेण इमाई, J जातीसरणं, P जाइसरणं उज्जइत्ति, जातीसरणो य जातवेरग्गो ण रज्ज सहेसु ठाइ म करइस्सं किंतु सय सय सदस्स दुर्लभे, P जातिसरणो. 21 ) P जिणमग्गो, " भणमाणे समप्पियाइ आभणयाई. 22 ) Pom. उप्पइओ य हयलव etc. to समोपियाई ताई आभरणाई 23 ) J उमतीए 24 ) J कुसुमाल for सुकुमाल 27 ) दिट्ठा पुब्वाई ति, P करेंतस्स for कुणंतरस, Pom. झत्ति, जातीसरणं. 28) भरणिव समान सिची 29 ) 31 ) P रागदोसाणं,
P
)
P पुत्तणो for पुणो, J om. वि, तुच्छासुई Pवच्छासुति, Pom. अइ, P मणुसुहाई 30 ) P अहिलसर P सहसाणुभव, Pणियजीवस्स वलियो जोणती वि. 32 ) P तो वि, Jom. वेयंतो वि अहम्मं, वाधिवियारं.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org