________________
१७४ उज्जोयणसूरिविरइया
[६२७८हीरमाण-वणचरं, कहिंचि धवल-संखउल-लोलमाण-कमल-राय-रयण-दित्ति-चित्तलं, कहिंचि भिण्ण-सिप्पि-संपुडलसंत-कंत- 1 मुत्ताहलुज्जलं, कहिंचि जल-वडिय-जल-बिद्दुम-दुम-गहण-राय-रंजिय, कहिंचि तणुथ-तंतु-तुलिय-हीरमाण-वण-करिवरं, कहिंचि मरगय-मणि-सिलायल-णिसण्ण-भिण्ण-वण्ण-दीसंत-मच्छ-जुवलयं, कहिंचि जल-करि-दंत-जुघल-भिजमाण-जल-माणुसं, ३ कहिंचि उध्वत्तमाण-महाभुयंग-भीम-भोग-भंग-भासुरं, कहिंचि जल-मणुय-जुयाण-जुवलय-पयत्त-सुरय-केली-हेला-जल-धीइसंकुलं, कहिंचि मजणावइण्ण-दिसा-ईदावगाहमाण-गंडयल-गलिय-मय-जल-संदोह-बिंदु-णीसंद-पयड-पसरंत-वेलावली-वलं6 तुलसंत-चंदय-चित्तलं जलं ति । अवि य ।
२७९) पक्षण-पसर-वेअ-संखुद-बीई-तरंगग्गहिजंत-तंतूहि संदाणियालेस-मच्छच्छडा-घाय-वेउल्लसंतेण णीरेण संखावली-खोह-दीणाणुणायाणुसारागयाणप्पसप्पेहि पम्मोक-दाढा-विसुव्वेल्ल-दिप्पंत-जालाउलं । जल-करिवर-रोस-णिभिण्ण१ दंतग्ग-वेवंत-कुम्नेहि णक्खकुसा-घाय-विज्झंत-मम्माहउक्कत्तियासेस-कुंभत्थलुच्छल्ल-मुत्ताहलुग्घाय-मजंत-कंतप्पहा-भिण्ण- 8 दीसंत-वण्णण्ण-माणिक-संघाय-रस्सीहिं तं संकुलं । वर-मयर-करग्ग-संलग्ग-णक्खावली-घाय-वेउच्छलुच्छल-कीलाल-सेवाल
संलग्ग-मुत्तावली-लोह-णिद्धाइयाणेय-णीरंगणा-जुद्ध-संखुद्ध-पायाल-भजंत-माणिक्क-भक्खुल्ल-संतुट्ठ-मुद्धागनल्लुरियाणेय-दीसंत12 सप्पल्लवं । पसरिय-जल-पूरमाणुल्लसंतग्गि-पूरंत-पायाल-संमेलियासेस-खुब्भंत-जंतू-जवावत्त-संवत्तणी-संभमुकंत-णायाणुसद्दुल्ल- 12 संतुटू-णचंत-देवंगणामुक हुंकार-वाउजलुव्वत्त-दिप्पंत-सव्वाडवं ति ॥ अवि य ।
णचंत-तरंग-सुभंगुरयं वियरंत-समीण-महामयरं । दिप्पंत-समुज्जल-मणि-रयणं दिटुं च समं रयणायरयं ॥ 15 तं च द?ण वेला-महिलालिंगियं महाजलहिं भणिय कुवलयमालाए। 'अज्जउत्त, पेच्छ पेच्छ,
15 ___गंभीर-धीर-गरुओ होइ महत्थो वि अमय-णीसंदो । सामण्ण-दिण्ण-विहवो तुह चरियं सिक्खइ समुदो ॥'
कुमारेण भणियं । 'पिए तुम पि पेच्छ, 18 फुड-मुत्ताहल-दसणा फुरत-णव-विहुमाहरा सामा। वेविर-तरंग-मज्झा तुज्झ णु सरिसा उयहि-वेला ॥'
६२८०) तओ कुवलयमालाए भणियं । 'अजउत्त, अलं इमिणा बुहयग-परिणिदिएण इयर-बहुमएण अत्तणो पसंसा-वयण-वित्थरेण, ता अण्णेण केण वि वियङ्क-बुद्धि-परिकप्पिएण विणोएण अच्छामो'त्ति । कुमारेण भणियं 'पिए, सुंदरं 21 संलतं, तत्थ वियड-परिकपिपयाई इमाई विगोय-कारणाई । तं जहा । पहेलिया बूढाओ अंतिमक्खराओ बिंदुमईओ अट्ठा-१
विडय पण्हुत्तराई पढाई अक्खर-चुययाइं मत्ता-चुययाई बिंदु-चुत्ताइं गूढ-चउत्थ-पाययाई भाणियब्वियाओ हिययं पोम्हं संवि.
हाणयं गाहह गाहा-रक्खसय पढमक्खर-विरइयं ति । अण्णाणि य महाकवियर-कप्पियाई कवि-दुकराई पओयाई' ति। कुवलय24 मालाए भणियं 'अजउत्त, जाई तए भणियाई इमाई लक्खणं किं किं पि वा सरूवं' ति । कुमारेण भणियं । 'मुद्धे, सुणेसु 4 पहेलिया अंतिमक्खर-बूढाओ गोवाल-बालेसु वि पसिद्धाओ जति । सेसाणं पुण णिसुणेसु लक्खणं । अवि य ।
जत्थक्खराइँ कीरति बिंदुणो आइमंतिम मोनुं । अत्यो उण साहिजइ सा बिंदुमद त्ति णायव्वा ॥ तं जहा । 27 तं कि दु ० . ० कि 6ि कि० कि० ।
०० ही ० ० ०ा कि वी० कि ॥
18
1) J हीरममाण, P जलकरिवरं for वणचरं, P लोलमाणकोमयराय, 1 सप्पुडुल', P संपडुलसंत, J कंतर for कंत. 2) J वट्टिम, J om. जल, P रहियं for रंजियं, J लिहिअ for तुलिय, वर for वण. 3) Pणियन्नभिन्न, Jom. भिण्ण, J जुअलय, करिदंतजुअल. 4) भो for भोग, 2 जलदुगाणुसजुयल, I जलवीई जलवीयि. 5) I मज्जणवइण्ण, P दिसामयंदायगाहण, J गिलिय for गलिय, J पयपसंतकदावलाविता for पयडपसरंतवेलावली. 7) J पसरंत for पसर, P वीचीतरंग, J 'गहिर्जत P गमिजत. 8) P -दीयागुणाया', J णायागुसारागयाण', J 'प्पेहि पमुक्कपमोकदाढा P पमोकदादा, J विवेल P विसवेल, J रोसविणि भिण्ण. 9) Jणक्वत्तसंधावित-, ' विज्झं तं च माहयुक त्ति असेस,
मुत्ताफल, Pमुत्तालुघाय, P कंदपहा. 10) P संघायरासीहिं, Pणकावली, Pघायतेलुच्छलुल. 11) P संसग्ग, लोभ-, P इयाणेयाणीरंग गाकूटसंखुद्ध, P पायालभिज्जतमाणि करुक्कलसंतुट्ठ, संखुद्ध for संतुट्ठ, मल्लरियाणेय. 12) सपल्लवं ।' सपल्लय, सम्मेल्लिया, P संतमुकंतणायाणुसदूल्लसंतुद्ध. 13) संतुद्धवच्चत, P हुंकारवाकुऊपत्त, वाउज्जलव्वंत; सचावेत्ति. 14) पञ्चततरंतसुभेगुरयं,J समंगुरयं, P om. महा. 15) Padds च after भणियं. 16) Prepeats धीर, ।' तरुओ for गरुओ. 17) Pom. पिए, Jom. पि and repeats पेच्छ. 18) Jदंसगा, J मण (partly written between lines). for णव, P कुज्क्षण for तुज्झ णु. 19)P इयरमहुएण. 20) Jom. ता, बुद्धिपक्खिकपिएण, J repeats विणोएण 21) P पियट्टपरियपियाई, J adds करि (or परि) before कपि, J बुड़ाओ for बूढाओ, J अठ्ठापिअडं अट्ठाविडयं. 22) J पहुंढाइ P पधा, अवर अआई मत्ताचूअआई गूढ-, P अक्खरचुतयाई गसाचुत्ताई बिंदुवुत्ताई, J om. बिंदुचुत्तार, " गूढचतुपादाई, . भाणिपविआओ भागेय शियाओ द्विययं पोम्हं. 23) P पदमखरं, P om. अण्णागि य etc. सरूवं लि. 24)" मुद्धे निम्णेपु. 25) संतिमक्खब्बूढाओ, P चूलाओ for चूढाओ. 26J करेंति for कीर ति, आर अंतिपमोत्तू। 27). The Mss. J & p have irregularly presented the symbols of bindus and vowels, so they are not reproduced here. It may be noted that u does not give the Sirorekhä or serifa but p gives it. In the text the-e are duly represented in the light of the verse for which they stand.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org