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कुवलयमाला
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| उद्दाम प्रयत्त-लर-दूषणु रायंगणु जइसओ बहु-तुरंग संगभो । विमजि-मन्यु जइसनो संचरंत वणिय-पवर कुंभारावणु । असलो क्षणेयमंड-बिसेस मरिमो ति अविव ।
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खर-र-करह-सएहिं कलयल- वत-सज्झ-पडिरावं । सत्यं सत्थो पेच्छइ सव्वत्तो सत्थ- णिम्माओ ॥
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६२२३ ) तं च दट्ठण पुच्छिओ एको पुरिसो कुमारेण 'भो भो पुरिसा, एस सत्थो कओ आगओ कहिं वा वच्चीहइ ' ति । तभ भणिय पुरिसेग 'भट्ट, एस विंझपुराओ आगओ कंचीउरं वच्चीहिइ' । कुमारेण भणियं 'विजया उण पुरवरी 6 कव्य होइ, जाणसि तुमं । तेण भणिय 'भट्टा, दूरे विजया दाहिण-मपरहर तीर-संसिया होइ' । वो कुमारेण 8 चिति । इमे चेय सत्वे समं जुजद् मद गंतून थोवंतरं ति चिंतते दिडशे सत्यवाह वेसमणदत्तो भणिओ यण 'भो भो सत्यवाह, तुम्भेहिं समं अहं किंचि उद्देसं वच्चामि' ति । सत्थवाहेण वि महापुरिस-लक्खणाई पेच्हमाणेण पडिवष्णो | 'अणुग्गहो' त्ति भणमागेण तओ उच्चलियं । तं सत्यं गंतुं पयत्तं, तम्मि य सज्झ-गिरिवर-महाडईए संपत मज्झुसे । 9 तत्थ भावासिय एक्कम्मि पएसे महंते जलासए । तम्मि य पएसे आसण्णाओ भिल्ल-पल्लीओ । तेण महंतं भव-कारणं जाणमाण अवरीकबाई सार-भेदाई, बाहिरीयाई असार-मेडाई, विरइया मंडली, आता आपत्तिया, समीकवा 12 करवाला, विद्वानो असि घेणूभो, भारोजियाई कालवट्टाई, मिरुवियं सम सत्य - निवेति ।
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तर सूरो कमेण पद-मंद विलं । तिमिर महासुर भीलो पायाल-तलम्मि व पबिट्टो ॥ तरसामग्ग- लग्गो कत्थ य सूरो त्ति चिंतयंतो व्व । उद्धावइ तमणिव हो दणुइंद-समप्पभो भइरा ॥ तरुपर-तले सुयद्द व विसह व दरी बणम्मि पुंजइओ उद्भाव गयणबले मग्गइ सूरं व तम-विहो । उद्घाइ धाइ पसरइ वियरह संठाइ विसइ पायालं । आरोसिय-मत्त महागओ व्व अह तज्जए तिमिरो ॥ इय एरिसे पओसे तम- णिवदंतरिय सयल-दिसियके । आवासियम्मि सत्थे इमे जिओया य कीरंति ॥
18 सामग्गिया जामइलपा, गुडिया तुरंगमा, णिरुविया पाणयः । एवं बहु-जग-संगम-फल-बोल-बहुला सा राई 18 खिजिरं पयता । अविव विपति तारया, संकुति सावया, उप्पयंति परिखया सूपडजति महासउणा, करवरैति चड-कुलेति । तम्मि य तारिसे पहाय - समए भणियं पच्छिम - जामइलएहिं । 'भो भो कम्मयरा, उद्देह, पलाणेसु करहे,
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21 चलउ सत्थो, देह पयाणयं, विभाया स्यणि'त्ति । इमम्मि य समए पहयाई तूराई, पगीयाई मंगलाई, पत्राइयाई संखाई, 21 उओ कलयलो, विबुद्धो लोभो, पल्लाणिउं पयत्ता । किं च सुब्विउं पयत्तं । अवि य, भरे अरे उट्ठेसु, डोलेसु करहए, सामगे रयणीओ कंडारे कंठालाभो, णिक्खिवसु उबक्सर, संवेलेसु पहउडीभो, गेण्ट्सु दंडीयं, आरोहेसु मंडी, 26 अप्फोडेसु कुंडिये, गुरे तुरंग, पलाणे बेसरे, उद्वासु बले । भवि य
तूरसु पयट्ट बासु चक्रम य णेय किंचि पहु । लह सत्यो उबलियो कल सई करेमाणो ॥ एरिसम्म य काले हलबोलिए वट्टमाणे, पयत्ते कलयले, वावडे आडियत्तिय-जणे किं जायं । भवि य,
हम्प हण द्दण सिमारे-चूरे- फालेह लेह लुपेह । खर-सिंग-सह-हलबोल-गम्भिणो धाइओ सहो ॥ एत्थाणंतरं च । भवि य,
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1) पयरत्तखदूसणु, ए वियपि for विमणि, P पर for पदरु, J कुंमारावाड- 3 ) JP बड़ंत, P सग्ग for सज्झ, Printer. सत्यो सत्यं सत्यण्णू for सन्वत्तो. 4 ) । वचिरिति (5 J om. त्ति, P भद्दा for भट्ट, P किंविउरि वन्चीहिति P वचिदि. 6 ) P भद्दा, P मयण for मयर, P संठिया for संसिया, P ततु for तओ. मम तु धोअंतरं वितिकण दि. 9) P om. तओ, P उच्चलिओ सत्थो गतं adds before तं, P पयत्तो पत्तो य गिरिवर महाडई मज्झदेसं । तत्थ आवासिओ एक्कमि से आसानी 11 बहिर सारा रिया, आपत्तिया 13) पायालयलंमि, P परट्ठो 14 ) P व य, JP उट्ठावर" 15 ) तरुअरयले सुठाइ व P बिरयरइ for विसर, P om. व दरिसुं P दीरीसु विणंमि, P उट्ठावर. 16) P उट्ठाइ ट्ठाइ, P पावालो, उ आरोसि र मह for अह, P अह मंजर सूरो. 17 ) णिओआणु कीरंति. 18 ) P जामइलिया, [F] लाई for राई 19 वियरति उपति मुनि करवति. 20 P कुलं ति, पच्छिमंजामइलेहिं, उट्ठोह, P पट्ठाणे for पलाणेसु. 22 ) Jom. विबुद्धो लोओ, P किंचि, सुट्ठिडं, P पयत्ता, Jom. अवि य. 23 ) P स्यणिओ, P संबोले, 26 ) Pom. काले, OLD. 29 > P कोवि देसो, P बद्धो om. मेलिओ य, I om. भिलेहिं,
उरिलियं for दंडीयं, P भंडीयं. 24 ) P गुठे, वेअसरे. 25 Jom. य. लबोलिए इल्बोआप for बाप 27 > P om. लेहं, P लुंपह निरासं । खर. for विद्धो, अदि भिल्लभलीहि. 30 P सत्यवाहो, ए आडियत्तियं 31 )
पवत्ता पवत्तं
माढत्ता, एत्थंतरंमि for सव्वाई, सव्व for सार.
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सो णत्थि को देखो भूमि-विभावम्मि गेव सो पुरिसो जो तत्थय विद्रो दिट्ट-मिहान भलीहिं ॥ 50 राओ से चारिसंयुतं जाणिऊण भाउलीओ सत्यादो, उड़िया आहियत्तिया, जुस पत्ता, पवतं च महाजु 30 तओ पभूओ मिल-विहो, जिलो सत्धो मेलिनो य, सिंह बिपिमा तो सवाई घेण्यंति सार-भंडाई |
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