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उजोयणसरिविरइया 1 ण य सीयलो ण उण्हो ण य फरुसो णेय कोमलप्फरिसो। गुरु-लहु-सिणिद्ध-भावं बच्चद देहम्मि कम्मेण ॥
म य अंबिलो ण महुरो ण य तित्तो कडु-कसाय लवणो ब्व । दुरही-सुगंध-भावं वच्चइ देहस्स मज्झ-गओ ॥ ____णय सो घडवड-रूवो अच्छइ देहस्स मज्झयारस्मि । ण य होइ सब-वावी अंगुटु-समो वि य ण होइ ॥
णिय-कम्म-गहिय-पोग्गल देह-पमाणो परोप्पराणुगओ। णह-दंत-केस-वज्जो सेस सरीरम्मि अवि भावो ॥ जह किर तिलेसु तेलं अहया कुसुमम्मि होइ सोरठभं । अण्णोण्णाणुगयं चिय एवं चिय देव-जीवाणं ॥ जह देहम्मि सिणिढे लग्गहरेणू अलक्खिओ चेय । रायबोस-सिणिद्धे जीवे कम्मं तह चेय ॥ जह वचंते जीवे वचइ देहं पि जत्थ सो जाइ । तह मुत्तं पिव कम्मं वच्चइ जीवस्स णिस्साए ॥ जह मोरो उड्डीणो वच्चइ घेत्तुं कलाव-पब्भारं । तह वच्चइ जीवो वि हु कम्म-कलावेण परियरियो । जह कोइ इयर-पुरिसो रंधेऊणं सयं च तं भुजे । तह जीवो वि सयं चिय काउं कम्म सयं भुंजे ॥ जह विस्थिपणम्मि सरे गुंजा-वायाहओ भमेज हढो । तह संसार-समुद्दे कम्माइद्धो भमइ जीवो ॥ जह वच्चइ को वि गरो णीहरिउं जर-घराउ णवयम्भि । तह जीवो चइऊणं जर-देहं जाइ देहम्सि ॥ जह रयणं मयण-सुगूहियं पि अंतो-फुरंत-कंतिलं । इय कम्म-रासि-गूढो जीवो वि हु जाणए किंचि ॥ जह दीवो वर-भवणं तुंगं पिहु-दीहरं पि दीवेइ । मल्लय-संपुड-छूडो तत्तिय-मत्तं पयासेइ ॥
तह जीवो लक्ख-समूसियं पि देहं जणेइ सज्जीवं । पुण कुंथु-देह-छूढो तत्तिय-मेत्तेण संतुट्टो ॥ 13 जह गयणयले पवणो वच्चंतो णेय दीसइ जगेण । तह जीवो चि भमंतो णयगेहि ण घेप्पइ भवम्मि ॥
जह किर घरम्मि दारेण पविसमाणो णिरुंभई वाऊ । इय जीव-घरे रंभसु इंदिय-दाराई पावस्स ॥ जह डाइ तण-कर्ट जाला-मालाउलेण जलणेणं । तह जीवस्स वि डझइ कम्म-रयं झाण-जोएण ॥ बीयंकुराण व जहा कारण-कजाइँ णेय जंति । इय जीव-कम्मयाण बि सह-भावो गंत-कालम्मि ॥ जह धाऊ-पत्थरम्मि सम-उप्पण्णम्मि जलण-जोएहिं । डहिऊण पत्थर-गलं कीरइ अह णिम्मलं कणयं ॥ तह जीव-कम्मयाण अणाइ-कालम्मि झाण-जोएण । शिजरिय-कम्म-किटो जीवो अह कीरए विमलो ॥ अह विमलो चंदमणी झरह जलं चंद-किरण-जोएण । तह जीवो कम्म-मलं मुंचइ ल दूण सम्मत्तं ॥ जह सूरमणी जलणं मुंचह सूरेण ताविओ संतो । तह जीवो वि हु णागं पावइ तव-सोसियप्पाणो ॥
जह पंक-लेव-रहिओ जलोवरि ठाइ लाउओ सहसा । तह सयल-कम्म-मुक्तो लोगग्गे ठाइ जीवो वि ॥ 24 इय जीव-बंध-मोक्खो आसव-णिजरण-संवरे सव्वे । केवलणाणीहिँ पुरा भणिए सव्वेहि वि जिणेहिं ॥ एवं च देवाणुप्पिया।
लोयम्मि के वि सत्ता विसउम्मत्ता वहम्मि आसत्ता । मरिऊण जति णरयं दुक्ख-सयावत्त-पउरम्मि ॥ 27
णाणावरणुदएणं कम्मेणं मोहणीय-पउरेणं । अह-वसट्टा अण्णे मरिऊणं थावरा होति । मय-लोह-मोह-माया-कसाय-वसओ जिओ अयाणतो । मरिऊण होइ तिरिओ णरय-सरिच्छासु वियणासु ॥ को इत्थ होइ देवो विमाण-वासी य वंतरो अण्णो । अण्णो भवण-णिवासी जोइसिओ चेव तह होइ ।। भाणं रिंभिऊणं तवं च चरिऊण जिगवराणाए । कोइ तहिं चिय जीवो तियासंदो होइ सग्गम्मि ॥ अण्णे गणहर-देवा आयरिया चेव होंति अण्णे वि । सम्मत्त-णाण-चरणे जीवा अण्णे वि पावंति ॥
सयल-जय-जीव-वित्थर-भत्ति-भरोणमिय-संथुयप्पाणो। भब्व-कुमुयाण ससिणो होति जिजिंदा वि के वि जिया ॥ 33 अण्णे मोहावत्तं दुह-सय-जल-वीइ-भंगुर-तरंगं । तरिऊण भव-समुई जीवा सिद्धि पि पावंति ॥
तम्हा करेह तुब्भे तव-संजमणाण-दसणेसु मणं । कम्म-कलंक-विमुक्का सिद्धि-पुरं जेण पायेह ॥
2) अंध. 3) P विड for बट, Pय न वि for विय ण. 4)P परोपणुगजओ, केसविज्जो से सरीरंमि, J भाओ. 5) Pकुसुमेसु देव सोरंभ, Pएयं चिय जीव देवाण. 6) P सिगिद्धो, अलक्खेओ, "सगिद्धे. 7) P जायद, J पिविकम्म. 8) P कलावभारं पि, P A for हु, विहु विहिकमाकलावपरि'. 9) रद्धेऊग रंधेसऊणं. 10) 'डो, P भ for ममइ. 11) कोर णरो, नवयंति, P नवतंमि ज किं चि जह दीवो चऊरूणं जद देई. 12) रयणमयणसुगूठियमि, 'रासिमूढो, नविन याणपइ, om. किंचि ॥ जह दीवो etc. to पि देहं जणेर. 15) जीवो for दीपो. 16) दारे पविरसमायो, P वाओ. 17)" ज्याजोगेण. 18) Pनीय कुराव जाव हा कारण. 19) पाउ ।' धाओ, पत्थरंभी, J उप्पण्ण मि. 20)अणावि काले पि ज्झाणजोगेहि, P जीवो अह कीर अह निम्मलं कणयं, P repeats तह जीवकन्भयाण etc. to अह कीरए विमलो. 21)
जह for अह, सरद for झरह, P किरणसंगण. 22) P नाणं पर तह सोसि'. 23) पंकिव, जालोवरिगइलाउओ, P कम for कम्म. 24) Padds य after इय, J मि for वि. 26) J विसयुम्भत्ता, "समि for वहम्मि. 28) r repeats मोह, P होति for होर. 29) चेव तव होया. 30) Pमाणं निमुंमिऊगं, कोथितदि. 31) Pinter. होति चेव.32) P संठ्यप्यागो, PR for वि (first). 33) पार्विति. 34) तुम्हा for सम्हा, सिद्धिपुरि, P पाविहि ति for पावेह.
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