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कुवलयमाला
1 किं होज तूल-मयं पढ़िये या कास-कुसुमपन्देहिं किं वा मुणाल-तंतू निम्मवियं देव-ससीए ॥
तं च तारिसं नियंसिऊण कय-उत्तरासंगो पडिहार- दाविय मग्गो पयतो गंतु, देवहरयं पत्तो य । उग्घाडियं च से दारं 3 णिओइण देव-घरयस्स । ताव य
णिजियसेस मऊदा परिपेलिय-दूर-पाय-तम पसरा दिणयर सदस्य मध्य व्य शक्ति कंती समुच्छलिया ॥
१०६) साय व नव-विवसिव पारियाय- कुसुम-मंजरी रेहिरो सुर-मंदार-कुसुम-वावडी कणय-कमल-विसमा 6 दीवर भरिलो सव्वदा दसद्वण्ण-कुसुम-पथ-कणय-पदलणिद्दाम उबडविओो परियणेन । एस्थेवरम्मि पनि हो 'नमो जिगाति भागमाणो देवर पप्पी देवो पेच्छ व जिणहरं च केरिस अधिव
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गोण-वण-घडिए णिय-वण्ण-पमाण-माण-निम्माए । उपपत्ति णास - रहिए जिणवर-बिंबे पलोएइ ॥ 9 फलिह-मणि- णिम्मलयरा के वि जिणा पूसराय-मणि घडिया । के वि महाणीलमया कक्केयण- णिम्मिया के वि ॥
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मुत्ताहल-तारयरा अवरे वर-पोमराय सच्छाया । अवरे सामल-देहा मरगय-दल- णिम्मिया के वि ॥
ते या भगवंते पेच्छिऊण जिणवरे हरिस-बस नियमाण-वण- जुबलभो चलणेसु 'गमो सम्ब-जिणार्थ ति भणमाणो वि12 डिनो । वाव य दिव्य सुरहि जल भरिए समपि कणय-कलसे अहिसिंचिजण विलिते दिव्य-देवंगरापुण, उप्पादियं च 12 गोसीस - चंदण-गंध-गब्भिणं पवर-धूयं । आरोवियाणि य जं-जहावण्ण-सोद्दा- विण्णास-लायण्णाई जल-थलय- कुसुमाई । तओ विरइय- विविह-पूयं केरिसं तं तियस- देवहरयं दीसिउं पयत्तं । अवि य ।
वियसिय-कणय-कमल-सिरि-णिज्जिय- माणस लच्छि-गेहह्यं । णव-कंदोह - कुसुम- कल्हार- विराविय - केत-सोहयं ॥ व-मंदार गोच्छ-संताणय-कुसुम- पण राययं मंदिरयं जिणाण सोदइ तत्थ समत-पूययं ॥ चारिणि पहरिस-बस समूससंत रोमंच-कंचुओ थोऊण समासो भगवते जिनवरिंदे। अब य जय ससुरासुर - किंणर-मुणिवर-गंधव्व णमिय-चलण-जुया । जय सयल- विमल केवल- जिण-संघ णमोत्थु णं तुज्झ ॥ जइ देवो रइओ मणुओ वा कह वि होज तिरिओ हं । सयल-जय-सोक्ख-मूलं सम्मत्त मज्झ देजासु ॥
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$ १७७ ) एवं च थोऊण विडिओ पाएसु । दिट्ठे च पोत्थय-रयणं पीढम्म । तं च केरिसं । अवि य, वर-पोमराय गर्न फलिह-विणिम्मविष पचयं रं य-इंदणी लिहिये पोत्यय-रयणं पलोएइ ॥ तं च दण भति-भरणिटभर हियरण गहिये पोल्थ सिद्धाणं ।
सिटिलिये च, उम्बाडिय वाचिरं पयत्तो अवि य णमो सध्य
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अविरहिय - णाण दंसण पारिच पयत-सिद्धि-वर- मग्गो सासव सिव-सुह-मूलो जिण मग्गो पाटो जय ॥ संसार - गहिर- सायर-दुत्तारुत्तार-तरण- कजेणं । तित्थ करणेक्क-सीला सध्ये वि जयंति तित्थयरा ॥ जलिय - झाण-यब-कम्मिंधण दाह वियलिय-भवोहा । अणागम-ठाण गया सिद्धा बि जयंति भगवंता ॥ गाणा-लहि- समिद्धे सुय - णाण - महोयहिस्स पारगए। आसण्ण- भव्व-सत्ते सव्ये गणहारिणो वंदे ॥ णाण-तव-विरिय - दंसण चारित्तायार-पंच-वावारे । पज्जलियागम-दीवे आयरिए चेव पणमामि ॥ सु-सुत्त गुणण-धारण-अज्झयणज्झायणेक्क-तलिच्छे । उवयार करण-सीले वंदामि अहं उवज्झाए ॥ पंच- मध्य-वि-गुति-गुले वित्तमिच्छते। वंदामि अप्पमते ते साहू संग पते ॥ इस धम्मारह-सिद्धे गणहर-आयरि तह उवज्झाए । साहुच णमिळणं जिणवर धम्मं पश्खामि ॥ दु-विहो जिणवर धम्मो गिहत्थ धम्मो य समण-धम्मो य । बारस-विहो गिहीणं समणाणं दस-विहो होइ ॥ पंचास्य जुत्तोति गुणम्यय-भूसिओ सप-सिक्खो । एसो दुबालस-विदो गिहि-धम्मो मूल सम्मत्तो ॥
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1 ) " कि होज दूलाई मउअं किं वा विकास, पडियं वा (emonded घडियं वा ), तंतु P. 2 ) सेसि देवर साडि om से. 3 ) P देवहरयं 4 ) P पडिपेलिय, P कंति. 5 ) P वियसियाP' गंदर. 6 > J पडल्य, P उवद्धविउ, P repeats नमो. 7 > P पेच्छयरा के वि जिया पोमरायमणिघडिया । के वि महानील महाककेयणरयणनिम्माया । for पेच्छर व जिणहरं । etc. to कक्केयणणिमिया के वि, कयिणि- 10 ) P अवरोवर, P मरगयचलनिंगया. 11) r पूतिऊण for पेच्छिऊण. 12) P खीरोय for दिव्वसुरहि, Pom. समपिए 13 ) P जदावण्णा, P लावण्णाएं, P थल for थलय. 14 r विरइयं, Pom. तं, P पयत्ता. 15 ) P वयण for कणय, P राड्यं for गेयं. 16 ) P राइयं, Padds च before सोहइ. 17 J कंचुओ, 18 ) P गण for वर- 19 ) P जय देवो 20 ) Pom. च after एवं, P पोत्थयं रयणं पीढंगि (21) विणिम्मिय, दुअ for घुय, लियं for लिहियं. 22) Pom. गिब्भर, J om. पोत्थयं, P वाउं. 24 ) P अविरहियए नाग, P पायडो जियर. 25 ) P गहियसायर, P तरुणकज्जेण, P विजियंति 26 ) P पज्झलियज्झागहुयवद्दा, P दागतावियभवोहा, P अपुणागट्ठाण, P भगवंतो. 27) P मुयायणमुहोय, ए सव्व for भव्व, Pom. सत्ते. 29 ) P सुत for सुय, P-गणण, अज्झायण', P धारणसज्झावणेक्क. 30 Pom, मिच्छत्ते, P अप्पवमत्ते, P सिद्धो, P आयरिय, P साहूणं. 33 ) य च for सत्रउ, P गिधम्मो.
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