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कुवलयमाला 1 थुइ-थोत्तई जिणहरेसु, एयंत-करुणा-णिबद्धत्थई वयणई बुद्ध-विहारेसु, चालिय-महल-घंटा-खडहडओ कोट्टजा-घरेसु, 1
सिहि-कुक्कुड-चडय-रवई छम्मुहालएसु, मणहर-कामिणी-गीय-मुरय-रवई तुंग-देव-घरेसु ति । अवि य । ३ कत्थेइ गीयस्स रवो कत्थइ भुरयाण सुव्वए सहो । कत्थइ किं पि पढिजइ इय हलबोलो पओसम्मि ॥
कामिणीहरेसु पुण के उल्लावा सुब्विउं पयत्ता। हला हला पल्लविए, सजीकरेसु वासहरयं, पप्फोडेसु चित्त-भित्तीओ, पक्खिवसु मइराए कप्पूरं, विरएसु कुसुम-माला-धरयई, रएसु कोट्टिमे पत्तलयाओ, विरएसु कुसुम-सत्थरे, संधुक्केसु धूव-घडियाओ, संजोएसु महुर-पलावे जंत-सउणए, विरएसु णागवल्ली-पत्त-पडलए, ठवेसु कप्पूर-फडा-समुग्गए, णिक्खिव 6 कक्कोलय-गोलए, ठवेसु जाल-गवक्खए अत्थुर-सेज, देसु सिंगाडए, णिक्खिव वलक्खलए, पक्खिव चक्कलए, पजालेसु पईवे, पवेसेसु महुँ, कोंतलं काउं सुइरं णिमजसु मज-भायणे, पडिमग्गसु महरा-भंडए, हत्थ-पत्ते कुणसु चसए, णिक्विव 9 सयण-पासम्मि विविह-खज-भोज-पेज-पडलए त्ति । अपि य। एकेकयम्मि णवरं वर-कामिणि-पिहुल-वास-घरयम्मि । कम्मै तो ण समप्पइ पिय-संगम-गारवग्घविए ।
१५८) एयम्मि एरिसे समए को वावारो पयत्तो णायर-कामिणी-सत्थस्स । अवि य । ३ सहि संपइ मज्झ घरं पावइ दइओ ति मंडणं कुणसु । अहवा अलं ति मह मंडगेण अंगस्स भारेण ॥
दे तूर महं पियसहि तिलए भालं रएसु दइएण । इय विहलक्खर-भगिरी सहियाहि हसिजए अण्णा ॥ आसण्ण-दइय-संगम-सुहिल्लि-हल्लप्फला हलहलेति । अण्णा रसणं कंठे बंधइ हारं णियबम्मि ॥ होंत-जियणाह-संगम-मयण-रसासाय-सुण्ण-हिययाए । अदाए च्चिय रइओ तिलओ अपणाए घुसिणेण ॥ अण्णा जंपइ चिय आणेसु पियं ति दुइ-लज्जाए। पिय-वयण-गभिगेहिं जयण-पदाणेहिँ पयडेइ ॥ संचारिसाएँ अण्णा अप्पाहेती पियस्स संदेसं । अगणिय-मग्ग-बिहाया सहसा गेहं चिय पविट्ठा ॥ एहिद पिओ त्ति अण्णा इमिणा मग्गेण अंधयारम्मि । तं चेय णियच्छंती अच्छइ जोइ ब्व झाणत्था ॥ अजेकं चिय दियह अत्ता वच्चामि जइ तुम भणसि । अणुदियहं पि भणती अण्णा दइयं समल्लियइ । पढम चिय पिय-वसही गंतव्वं अजमेव चिंतेती । गुरु-सज्झस-तोस-विसाय-णिभरा होइ अण्णा वि ॥ तम-पडहत्था रच्छा कीय वि जो होइ संभमो हियए । सो होत-दइय-संगम-सुहेल्लि-पडिपेलिओ गलइ ॥ अणुराओ चेय फरो तस्स गुणा चेय णिम्मलं खग्गं । इय भणिउं एक चिय पिय-वसहिं पत्थिया अण्णा ॥ वण्णेति पोढ-महिला किर सो बहु-सिक्खिरो जुवाणो त्ति । णिव्वडइ तं पि अजं इय भणिरी वच्चए अण्णा ॥ वणिजइ महिलाहिं जा रयणाली कुमार-कंठम्मि । तं पेच्छह मह कंठे एव भणती गया अण्णा ॥ कसिण-पड-पाउयंगी दीवुज्जोयम्मि कुहिणि-मज्झम्मि । वोलेइ झत्ति अण्णा कयावराहा भुयंगि व्व ॥ अण्णा भय-भरियंगी अच्छिच्छोएहिं जाइ पुलयंती । णीलुप्पल-णियरेहि व अञ्चती पंथ-देवीओ ॥ अण्णा सहियण-भणिया पिय-वसहिं वच्च ताव मंडेउं । चलिय च्चिय णिय-सोहग्ग-गम्विरी का वि दइयस्स ॥ वच्चंतीय यकीय वि दिट्टो सो चेय वल्लहो पंथे । अह पडिमग्गं चलिया पिय त्ति गव्वं समुव्वहिरी ॥ दट्ठण काइ दइयं पियाएँ समयं सुणिब्भर-पसुत्तं । वञ्चइ पडिपह-हुत्त धोयंसुय-कजला वरई॥ अण्णा वासय-सज्जा अच्छइ जिय-णाम-दिण्ण-संकेया । अण्णाएँ सो वि हरिओ भूयाण य वाइओ वंसो ॥ इय एरिसे पओसे जुयईयण-संचरंत-पउरम्मि । मयण-महासर-पहर-णीसहा होति जुवईओ ॥
1) थोत्तयं, -निबदथईवयई बद्धः, P महल्ला-, P घटडओ. 2) " सिहि कुडुचडय, P-गेयमुखरयई. 4) को for के, P repeats के अलावा, P om. one हला, I सज्जीअरेसु. 5) J पक्खि मइराए । पक्खिवइ मइराएसु कप्पूर, P मालाघराई, P repeats विरएसु कुमुममालाघरा। रएसु कोहिमे पत्तलयाओ, P विएभु कुसुमसत्थरो. 6) धूम for धूव, Jठएसु, P -प्फडा. 7) F कंकोलय, ' ठपगु, P सिंघाटए, J चक्कलए for वलक्खलए, P om. पक्खिव चकलए. 8) P मदुरकोंतलकाओ सहर, P om. गज्ज, JP have a danda after काउं, J अत्थपत्थेसु. 9) Pमयण, P inter. पेज and भोज. 10) adds nि before ण, "वग्यविओ. 11) " पहुत्तो for पयत्तो. 12) P सइ for सहि. 13) J सहि अहि P सहियाई. 14) संगमसुदलि., J हलफला. 16) P संदयदाणिहिं for णयणपदाहि. 17) P अप्पाहंती, P विभागा. 18) P एही for एहिए. 19) ' अणुदियहमि, समुलियइ 20) J पढमं चिय वसई चेय गंतव्वं, P चिंतंती, P सब्भस. 21) सहमो, J गहुलि. 22) J खरो for फरो, P भणियं, I पियवसइं. 23) P अण्ण त्ति for वण्णेति, P सिक्विओ. 24) P महिला, रयणीली रयणावली, J का वि for अण्णा. 25) P पाउरंगी, J adds जा before दीवु, I has a marginal note on कुहिणि thes: देशी कुणी कर्पूरो रथ्था च ।, P-मजमि. 26) अण्ण, I अछिच्छोहे हिद, P नयणेहिं व अचेती,
पत्थ. 27) सहि for वसहि, P चविय for चलिय, J कियसोहगगविणी. 29) P दट्ठण कोइ, P पडिवह, P धोइंसुय, ' धरई for वरई. 30) " जितणाम, J हूआणं वाइओ. 31) P जुवईयणसंचरंमि मयणमहारहसर, पहरेहि नीसहा.
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