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मन्दिर संख्या 12 के गर्भगृह के प्रवेश-द्वार के सिरदल पर। 21. यमुना (कच्छपारूढा) : मन्दिर संख्या 12 के गर्भगृह के प्रवेश-द्वार के
दायें पक्ष पर। 22. पौराणिक कथाएँ-मुनि द्वारा शूकर को सम्बोधन, नवधा भक्ति तथा
युग्म : मन्दिर संख्या 12 के गर्भगृह के प्रवेश-द्वार के दायें पक्ष पर। 23. प्रेमालिंगित युग्म तथा नवधा भक्ति (आहार ग्रहण करते हुए मुनि)
: मन्दिर संख्या 12 के प्रदक्षिणापथ के प्रवेश-द्वार के दायें पक्ष पर। 24. देवगढ़ का विशाल और भव्य जैन मन्दिर (संख्या 12)। 25. जैन मन्दिर संख्या 12 का कलापूर्ण शिखर। 26. जैन मन्दिर संख्या 15 । 27. जैन मन्दिर संख्या 16 । 28. जैन मन्दिर संख्या 18 । 29. जैन मन्दिर संख्या 21 । 30. जैन मन्दिर संख्या 22 । 31. जैन मन्दिर संख्या 27 । 32. जैन मन्दिर संख्या 28। 33. यमुना, नागी एवं युग्म : मन्दिर संख्या 28 के प्रवेश-द्वार के दायें पक्ष
पर। 34. जैन मन्दिर संख्या 30। 35. जैन मन्दिर संख्या 31 का प्रवेश-द्वार। 36. जैन मन्दिर संख्या 31 । 37. वर्तमान जैन मन्दिर संख्या एक के दक्षिण में स्थित ध्वस्त अधिष्ठान
और स्तम्भों के आधार पर पूर्ववर्ती मन्दिर संख्या एक का कल्पित
रेखाचित्र। 38. जैन मन्दिर संख्या ग्यारह की विन्यास रूपरेखा। 39. जैन मन्दिर संख्या बारह के महामण्डप में श्रीमण्डप की परिकल्पना। 40. जैन मन्दिर संख्या 15 की विन्यास रूपरेखा। 41. जैन मन्दिर संख्या 18 की विन्यास रूपरेखा। 42. जैन मन्दिर संख्या 28 की विन्यास रूपरेखा। 43. मानस्तम्भ क्रमांक चार, तीन, दो (मन्दिर संख्या एक के पीछे स्थित)। 44. मानस्तम्भ क्रमांक पाँच। 45. मानस्तम्भ क्रमांक ग्यारह। 46. मानस्तम्भ क्रमांक बारह : 176 मूर्तियाँ उत्कीर्ण। 47. मानस्तम्भ क्रमांक तेरह : 176 मूर्तियाँ उत्कीर्ण ।
चित्रावलि-परिचय :: 309
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