________________
183. (भिक्षु) धर्मरक्षित : सारनाथ का इतिहास, वाराणसी, 1961 ई.। 184. नवलजी : नालन्दा विशाल शब्द सागर, दिल्ली, 2007 विक्रमाब्द। 185. पं. नाथूराम प्रेमी : विद्वद्रत्नमाला, प्रका. जैनमित्र कार्यालय, बम्बई, 1912
186. पं. नाथूराम प्रेमी : जैन साहित्य और इतिहास, प्रका. संशोधित
साहित्यमाला, हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर (प्रा.) लि. बम्बई, 1956 ई. । 187. नाथूराम सिंघई : देवगढ़ : अनेकान्त, व. एक, किरण दो। 188. नीरज जैन : देवताओं का गढ़ : देवगढ़, अनेकान्त, व. 17, कि. चार । 189. नीलकण्ठ पुरुषोत्तम जोशी : मथुरा की मूर्तिकला, प्रका. पुरातत्त्व
संग्रहालय, मथुरा, 1965 ई.। 190. (डॉ.) नेमिचन्द्र शास्त्री : आदिपुराण में प्रतिपादित भारत, प्रका.
गणेशप्रसाद वर्णी ग्रन्थमाला, अस्सी, वाराणसी, 1968 ई.। 191. (डॉ.) नेमिचन्द्र शास्त्री : जिनसेन का काव्य सिद्धान्त : अनेकान्त, व.
16, कि. एक। 192. (पं.) परमानन्द शास्त्री : काष्ठासंघ लाट बागड गण की गुर्वावली :
अनेकान्त, व. 15, कि. तीन । 193. (पं.) परमानन्द शास्त्री : ब्रह्म नेमिदत्त और उनकी रचनाएँ : अनेकान्त,
व. 18, कि. दो। 194. (पं.) परमानन्द शास्त्री : मध्यभारत का जैन पुरातत्त्व, मुनिश्री हजारीमाल
स्मृति ग्रन्थ, ब्यावर, 1965 ई. तथा अनेकान्त, अप्रैल, जून 1966 ई.। 195. प्रभाकर गोविन्द परांजपे : केन्द्रीय संग्रहालय इन्दौर की संक्षिप्त
मार्गदर्शिका, 1961 ई.। 196. पी. के. आचार्य : मानसार आन आर्चिटेक्चर एण्ड स्कल्पचर, प्रका. दी
आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, लन्दन, 1932 ई.। 197. पेहोवा अभिलेख (882 ई.) : एपीग्राफिया इण्डिका, जिल्द एक। 198. (ब्र.) प्रेमसागर : अतिशय क्षेत्र देवगढ़-पूजा, प्रका. सिंघई नाथूराम जैन,
व्यवस्थापक श्री देवगढ़ जीर्णोद्धार कमेटी, ललितपुर, वी. नि. संवत्
2454। 199.. (डॉ.) प्रेमसागर जैन : जैन भक्तिकाव्य की पृष्ठभूमि, प्रका. भारतीय
ज्ञानपीठ काशी, 1963 ई.। 200. बरह कापरप्लेट : एपीग्राफिया इण्डिका, जिल्द उन्नीस। 201. (डॉ.) बलदेव उपाध्याय : भारतीय दर्शन, प्रका. शारदा मन्दिर, वाराणसी,
1960 ई.।
302 :: देवगढ़ की जैन कला : एक सांस्कृतिक अध्ययन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org