________________
सप्तमं व्याख्यानम् ।
( २१३) श्रीअर निर्वाणथी कोटि हजार वर्षे श्रीमल्लि निर्वाण, तेवार पछी पांसठ लाख चौरासी हजार नव सो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १७ श्रीकुन्थुनाथ निर्वाणथी कोटिहजार वर्षे न्यून पल्योपमना चोथे भागे श्रीअरनाथ निर्वाण. तेवार पछी कोटिहजार पेंसठ लाख चोरासी हजार नवसों एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १६ श्रीशान्तिनाथ निर्वाणथी अर्धा पल्योपमे श्रीकुन्थुनाथ निर्वाण, तेवार पछी पल्योपमनो चोथो भाग पेंसठ लाख चोरासी हजार नव सो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १५ श्रीधर्मनाथ निर्वाणथी पोणा पल्योपमे न्यून त्रण सागरोपमे श्रीशान्तिनाथ निर्वाण, तेवार पछी पोणो पल्योपम पेंसठ लाख चोरासी हजार नव सो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि । १४ श्रीअनन्तनाथ निर्वाणथी चार सागरोपमे श्रीधर्मनाथ निर्वाण, तेवार पछी त्रण सागरोपम पेंसठ लाख चोरासी हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १३ श्रीविमलनाथ निर्वाणथी नव सागरोपमें श्रीअनन्तनाथ निर्वाण, तेवार पछी सात सागरोपम पेंसठ लाख चोरासी हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १२ श्रीवासुपूज्य निर्वाणथी त्रीश सागरोपमें श्रीविमलनाथ निर्वाण, तेवार पछी सोल सागरोपम पेंसठ लाख चोरासी हजार नव सो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । ११ श्रीश्रेयांस निर्वाणथी चोपन सागरोपमे श्रीवासुपूज्य निर्वाण, तेवार पछी छेतालीस सागरोपम पेंसठ लाख चोरासी हजार नव सो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि । १० श्रीशीतलनाथ निर्वाणथी सो सागरोपमे छासठ लाख छवीस हजार वर्ष न्यून एक कोडी सागरोपमे श्रीश्रेयांस निर्वाण, तेवार पछी त्रण वर्ष साडा आठ मास अने बेतालीस हजार वर्ष न्यून छासठ लाख छवीस हजार वर्षे अधिक सो सागरोपम नव सो एंसी वर्षे पुस्तक वाचनादि। ९ श्रीसुविधिनाथ निर्वाणथी नव कोडी सागरोपमे श्रीशीतलनाथ निर्वाण, तेवार पछी बेतालीस हजार त्रण वर्ष साडा आठ मास न्यून
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org