________________
ग्यारहवाँ सर्गः
काय गुप्ति कथा वर्णन करनेवाला विषय
बारहवाँ सर्गः
महाराज श्रेणिक को क्षायिक सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति का वर्णन कस्नेवाला विषय
तेरहवाँ सर्गः
देव द्वारा अतिशय प्राप्ति का वर्णन करनेवाला विषय
चौदहवाँ सर्गः
श्रेणिक चेलना आदि की गति का वर्णन करनेवाला विषय
पन्द्रहवाँ सर्गः
भविष्यत्काल में होनेवाले भगवान पद्मनाभ के पंच कल्याण का वर्णन करनेवाला विषय
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
२२८ से २०३
२८४ से ३१०
३११ से ३२६
३२७ से ३४६
३४७ से ३७१
www.jainelibrary.org