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________________ श्रणिक पुराणम् शीघ्र ही कुमार के पास भेज दिया और ब्योरेवार एक पत्र भी उसे लिखकर दे दिया। जहाँ कुमार श्रेणिक रहते थे, दूत उसी देश की ओर चल दिया। और कुछ दिनपर्यंत मंजिल-दर-मंजिल चलकर कुमार के पास जा पहुँचा। कुमार को देखकर दूत ने विनय से नमस्कार किया। और उनके हाथ में पत्र देकर जबानी भी यह कह दिया कि हे कुमार ! अब तुम्हें शीघ्र मेरे साथ राजगृह नगर चलना चाहिए ॥६२-६३॥ उदंतं दूततो मत्वा तज्जं लेखाद्विशेषतः । जहर्ष श्रेणिकश्चित्ते को न तुष्यतिलाभतः ॥ ६४ ॥ इंद्रदत्तं ततः प्राप्य स्वसुरं प्रीतिपूर्वकम् । अनमल्लब्धसंतोषः क्षणं स्थित्वा व्यजिज्ञयत् ॥ ६५ ॥ आगतं राज्यसंसिद्धय पत्रं संदर्य सगिरा। जगावटन संसिद्धया । इति स विनयान्वितः ।। ६६ ॥ दूत के मुख से ऐसे वचन सुनकर एवं पत्र पढ़कर उसके वचनों पर सर्वथा विश्वास कर, कुमार श्रेणिक अपने मन में अति प्रसन्न हुए। मारे हर्ष के उनका शरीर रोमांचित हो गया। तथा पत्र हाथ में लेकर वे सीधे सेठी इन्द्रदत्त के समीप चल दिये। वहाँ जाकर उन्होंने सेठी इन्द्रदत्त को नमस्कार किया और यह समाचार सुनाया कि हे महनीय ! राजगृहपुर से एक दूत आया है उसने यह पन मुझे दिया है इस समय वहाँ जाना अधिक आवश्यक जान पड़ता है कृपाकर आप मुझे वहाँ जाने के लिए शीघ्र आज्ञा दें। बिना आपकी आज्ञा के मैं वहाँ जाना ठीक नहीं समझता ॥६४-६६।। स्वसुराद्य मया रम्ये पुरे गम्यं तवाज्ञया । संतोष्य वाक् प्रबंधेन स्वसुरं शुद्धचेतसं ।। ६७ ॥ गत्वा ततोऽतिरम्यां तां द्वितीयप्राणसन्निभां । रम्यप्रणयसंकोपां स जगाविती पत्र ॥ ६८ ॥ भो प्रिये ! वल्लभे ! कांते ! रम्ये चंद्रानने शुभे ! गजगामिनि माराढ्ये मन्मनः पद्मवासिनि ।। ६६ ।। मद्राज्यं मत्क्रमायातं मज्जनकक्षितिहेतुतः । मद्भात्ररक्षणीयं च दुःखी भवति सत्प्रभं ।। ७० ॥ तस्य रक्षण संसिद्धया एषितव्यं मयाधुना। यावद्राज्यस्य संसिद्धिर्न भवेन्मम सुंदरि ।। ७१॥ स्थातव्यं सहपुत्रेण त्वया तावत्पितृगृहे। आकारणं करिष्यामि राज्यसिद्धौ तव स्फुटं ॥ ७२ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002771
Book TitleShrenika Charitra
Original Sutra AuthorShubhachandra Acharya
AuthorDharmchand Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1998
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size18 MB
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