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________________ षष्ठम परिच्छेद [ ६-७ ] [ मणिशेखर की निज विमान से अढाई - द्वीप वन्दना तथा मदन- मंजूषा-परिणय वृत्त वर्णन ] वे दोनों ( मणिशेखर और घनवाहन) उस विमान पर चढ़कर सुमेरुपर्वत और अढाई-द्वोप के मनोज्ञ सम्पूर्ण जिनालयों की वन्दना तथा अर्चना करके सिद्धकूट के जिन मन्दिर में आये ||१२|| जिनेन्द्र की पूजा करके जैसे ही बैठे कि वहाँ उन्हें जिनेन्द्र की पूजा करती हुईं कामोत्पादिनी मदनमंजूषा नामक कृशोदरी मनोज्ञ कन्या दिखाई दी ||३४|| वह (कन्या) मणिशेखर को अपने हृदय में विश्राम देकर काम-वागों से चित्त में संरोधित हो गयी ॥ ५ ॥ उस कन्या ने अपने घर आकर माता-पिता को वृत्तान्त की जानकारी दी || ६ || राजा के द्वारा मणिशेखर अपने घर ( राजभवन ) ले जाया गया और रोका गया तथा स्वयंवर रचाया गया ||७|| जनमत के प्रत्यक्षीकरण हेतु लक्ष्मी के भण्डार समस्त विद्याधर बुलाये गये ||८|| स्वयंवर में उस श्रेष्ठ कन्या ने भी रत्नशेखर के सिर में माला पहिनायो || ९ || सभी ( आये ) विद्याधर उसके विरुद्ध हो गये । तब तलवार लेकर उस रत्नशेखर द्वारा व रोके गये || १०|| वे उपहार देकर ( रत्नशेखर की ) शरण में आये और रत्नशेखर ने उस मनोज्ञ कन्या को विवाहा ॥ ११ ॥ घत्ता- - कुछ दिन पश्चात् कृतनिश्चय के अनुसार प्रिया सहित अपने नगर गया । वहाँ निर्मल आकाश में भक्त - पत्नी के साथ यह युगल देखा गया ॥ ६-७ ॥ २३५ [ ६-८ ] [ घनवाहन को राज्य लाभ तथा मणिशेखर का प्रिया में स्नेह होने का कारण बताने के संदर्भ में अमितगति मुनि द्वारा कथित प्रभावती - कथा ] किसी दूसरे दिन घनवाहन मणिशेखर से रुष्ट होकर मेरु पर्वत के शिखर पर गया || १|| वहाँ उसने चारण ऋद्धिवारी अमितगति की वन्दना करके शुद्ध बुद्धि से धर्म भी सुनकर उसने अपने पुण्यात्र से अपने पूर्वजों के अजेय राज्य की प्राप्ति तथा प्रियमित्र में स्नेह का कारण पूछा । मुनिवर उसे कहते हैं ||२४|| भरतक्षेत्र में मंगलावती नगरी है जहाँ जिनेन्द्र तीर्थंकर संभवनाथ ने कर्म-शत्रुओं का घात किया था ॥ ५ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002769
Book TitleAmarsenchariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikkraj Pandit, Kasturchandra Jain
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1991
Total Pages300
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size12 MB
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