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स.....म.....पं.....ण
समर्पित है यह उन मातृ- वत्सला जीवन-निर्मात्री, संयम-प्रदात्री प्रातःस्मरणीय परमश्रद्धेय
शासनज्योति, शतावधानी गुरुवर्या श्री मनोहरश्रीजी म.सा. को
जिन की प्रेरणा जिनका मार्गदर्शन इस लेखन का आधार ही नहीं
वरन् मेरे
जीवन की प्रत्येक दिशा को आलोकित करनेवाला प्रकाश पुंज
है.... उन्हें सादर सविनय सविधि
कोटिश वंदन-प्रतिवेदन -श्री मनोहरचरणरज,
दिव्यगुणाश्री
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