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________________ ५० ॥आरंजसिद्धि॥ श्रा रवि योग विपे हर्षप्रकाशमां कांटे के."एआण फलं करसो विउलं सुरकं । जयं च सत्तू ६। __ लानं ए च कहासिद्धी १० पुत्तुप्पत्ती १३ अ रङ २० च ॥१॥" “श्रा रवि योगनुं फळ अनुक्रमे था प्रमाणे जे.-चोथा रवि योगे कार्य करवाथी घj सुख थाय ने, बछे होय तो शत्रुने जीताय , नवमे लाल थाय बे, दशमे कार्यसिद्धि थाय ने, तेरमे पुत्रनी उत्पत्ति थाय ने अने वीशमे राज्य मळे बे.” शुद्ध खनन जेवं बळ होय , तेवू बळ आ रवियोगर्नु होय जे. एम यतिवनजमां का . वळी कडं ले के "इक्कस्स नए पंचाणणस्स नऊंति गयघमसहस्सा। तह रविजोग पणछा गयणम्मि गहा न दीसंति ॥१॥" “एक सिंहना जयथी सहस्र हाथीनो समूह नासी जाय जे, तेम रवि योगथी नाश पामेला ग्रहो आकाशमां देखाता नथी अर्थात् जो रवि योग सारो बळवान् होय तो बीजा कुयोगो नासी जाय ." "रविजोग राजजोगे कुमारजोगे असुख दिअहे वि। जं सुहकडी कीर तं सवं बहुफलं हो ॥१॥" "अशुज दिवसे पण जो रवियोग, राज योग के कुमार योग होय अनेते दिवसे जे शुज कार्य कर्यु होय ते सर्व कार्य वढु फळदायक थाय बे." श्रा रवि योगमां अजिजित् नत्र गणेलुं नथी, कारण के ग्रंथांतरोमां सत्यावीश रवि योगोनुं ज फळ कहेलुं वे. या योगमां वीजो, त्रीजो, वारमो, सत्तरमो, वीशमो अने सत्यावीशमो, आटला रवि योग विपे कांई कर्वा नथी तथा तेनों निषेध पण कर्यो नथी, तेथी तेटला योगो मध्यम जाणवा. वाकीना रवि योगोनुं शुनाशुनपणुं अहीं पण केटखाकनुं साक्षात् कह्यु , अने केटलाकनुं फळ उपग्रहपणाए करीने हमषां ज कहेशे. हवे सत्यावीश रवि योगोनी मध्ये जेमनी उपग्रह संझा , ते कहे .नोपग्रहास्तु जूत्यै नूता५डि फणीन्छ १४ तिथि १५धृति रन् युगले १ए। रविनात्तथैकविंशादिषु पञ्चसु२१-२२-२३-२४-२५ चरति नेविन्दौ ॥३॥ अर्थ-सूर्यना नक्षत्रयी चंजनुं ( ते दिवसर्नु ) नक्षत्र पांचमुं, सातमुं, श्रापमुं, चौदमुं, पंदरमुं, अढारमुं, ओगणीशमुं, एकवीशमुं, बावीशमुं, त्रेवीशमुं, चोवीशमुं के पचीशर्मु होय तो ते नक्षत्र उपग्रह कहेवाय . श्रा बार उपग्रहो बाबा ने माटे नयी अर्थात् अशुल . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002765
Book TitleArambhsiddhi Lagnashuddhi Dinshuddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdayprabhdevsuri, Haribhadrasuri, Ratshekharsuri
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1918
Total Pages524
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size12 MB
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