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रा
शुक्र सूर्य
चंद्रमा
राहु
आश्लेषा ,
सर्प मघा
पितर पूर्वा फाल्गुनी भग
शुक्र उत्तरा फाल्गुनी अर्यमा
सूर्य हस्त
सूर्य (सविता) चंद्रमा चित्रा
त्वष्टा (विश्वकर्मा) मंगल स्वाति
पवन (मरूत्) विशाखा
इंद्राग्नि अनुराधा
मित्र ज्येष्ठा
इंद्र मूल
राक्षस (निऋति) पूर्वाषाढ़ा
जल उत्तराषाढ़ा
विश्वदेव श्रवण
विष्णु (गोविन्द) धनिष्ठा वसु
मंगल शतभिषा
वरुण 25. पूर्वाभाद्रपद अजपाद (अजैकपाद) गुरु 26. उत्तराभाद्रपद अहिर्बुध्न्य
शनि 27. रेवती
पूषा
बुध उपरोक्त तालिका से पता चलता है कि ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों को तीन-तीन नक्षत्रों का आधिपत्य दिया गया है, जैसे__ 1. सूर्य के आधिपत्य के नक्षत्र हैं, कृत्तिका, उत्तरा फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा।
2. चंद्र के नक्षत्र हैं : रोहिणी, हस्त एवं श्रवण। 3. मंगल के नक्षत्र हैं : मृगशिरा, चित्रा तथा धनिष्ठा। 4. बुध के नक्षत्र हैं-आश्लेषा, ज्येष्ठा एवं रेवती। 5. गुरु के नक्षत्र हैं-पुनर्वसु, विशाखा एवं पूर्वाभाद्रपद। 6. शुक्र के नक्षत्र हैं-भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा। 7. शनि के नक्षत्र हैं-पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद । 8. राहु के नक्षत्र हैं-आर्द्रा, स्वाति तथा शतभिषा। 9. केतु के नक्षत्र हैं-अश्विनी, मघा, एवं मूल। जैसा कि पहले बताया गया है विंशोत्तरी दशा के निर्धारण में नक्षत्रों का
ज्योतिष-कौमुदी : (रांड-1) नक्षत्र-विचार । 19
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