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मंगल की दृष्टि उसे हर दृष्टि से सौभाग्यशाली बनाती है। बुध की दृष्टि उसे विद्वान और धनी बनाती है।
गुरु की दृष्टि का फल शुभ होता है। जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है।
शनि की दृष्टि का फल ठीक नहीं होता। जातक का अपमानित जीवन कष्टमय होता है।
हस्त के विभिन्न चरणों में शनि की स्थिति
हस्त के विभिन्न चरणों में शनि सामान्य फल देता है। जातक उदर रोगों से भी ग्रस्त रहता है।
प्रथम चरणः यहाँ शनि सामान्य फल देता है। जातक कब्ज का शिकार हो जाता है।
द्वितीय चरणः यहाँ भी शनि के विशेष फल प्राप्त नहीं होते। . तृतीय चरण: यहाँ शनि जातक को लेखन-प्रकाशन के व्यवसाय में प्रवृत्त करता है। चमड़े से बनी वस्तुओं के व्यापार में उसे सफलता मिलती है। जातक उदर व्याधि से पीड़ित रहता है।
चतुर्थ चरण: यहाँ शनि जातक को इतना स्वार्थी, चतुर और व्यवहार कुशल बनाता है कि लोग उसे 'धूर्त' कहने लगते हैं। वह अवैध कार्य करने में कोई हिचक नहीं अनुभव करता। इस चरण में शनि उदर रोगों से पीड़ित रखता है।
हस्त स्थित शनि पर विभिन्न ग्रहों की दष्टि
सूर्य की दृष्टि के फलस्वरूप व्यक्ति कुसंगति का शिकार होता है।
चंद्र की दृष्टि का फल शुभ होता है। आकर्षक व्यक्तित्व से युक्त जातक प्रसिद्ध, धनी और अधिकार-संपन्न होता है।
मंगल की दृष्टि उसे शास्त्रज्ञ और विद्वान बनाती है। बुध की दृष्टि उसे धनी, विद्वान और सामरिक नीति में निपुण बनाती है। गुरु की दृष्टि के फलस्वरूप धनी, प्रसिद्ध और परोपकारी होता है। शुक्र की दृष्टि उसे आभूषणों से संबंधित व्यवसाय में सफल बनाती है।
हस्त के विभिन्न चरणों में राहु
प्रथम चरणः यहाँ राहु जातक को तकनीकी क्षेत्र में सफल बनाता है। पर उसे परिश्रम का फल विलंब से मिलता है।
ज्योतिष-कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 149
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