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पल्लव देश पुण्डरीकिणी नगरी पुष्कल देश
पूनल्लि ग्राम
भारतवर्ष
मथुरा
महीशूर
मिथिलापुरी
मौर्यग्राम
मंगलावती
रजताचल
राजगृह
राजपुरी
वीतभयपुर
विदेहदेश
वैशाली
साकेत
सिन्धु
हस्तिनापुर
सूक्तयः
अगदेनैव निरेति रोगः
अनेकशक्यात्मकवस्तु तत्त्वम् अन्यस्य दोषे स्विदवाग्विसर्गः ।
अर्थक्रियाकारितयाऽस्तु वस्तु । अस्तित्वमेकत्र च नास्तितापि । अहो निशायामपि अर्यमोदितः । अहो मरीमर्ति किलाकलत्र: आचार एवाभ्युदयप्रदेश: ।
आत्मा यथा स्वस्य तथा परस्य ।
इन्द्रियाणां तु यो दासः स दासो जगतां भवेत् ।
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एक दक्षिणी देश एक पौराणिक नगरी एक पौराणिक देश
एकं दक्षिणी ग्राम
वीरोदय - गत- सूक्तयः
मगध देश का एक ग्राम
एक पौराणिक नगरी विजयार्धपर्वत
बिहार का प्रसिद्ध नगर
हेमांगद देश का राजधानी सिन्धु देश की राजधानी विहार प्रान्त का एक देश वज्जी जनपद की राजधानी अयोध्यापुरी कोसल की राजधानी
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हिन्दुस्तान
प्रसिद्धपुरी
मैसूर
जनकपुरी
प्रसिद्ध नदी प्रसिद्ध नगर
सर्ग
na a a а α = ∞
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श्लोक
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