________________
SRO KO KO KO KAKK) KK) KO KAKK) KED 卐 श्रीनेमि – लावण्य - दक्ष - सुशील ग्रन्थमाला रत्न ६८वां卐४
॥ देवाधिदेवश्री जिनेन्द्राय नमो नमः ॥
कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्यविरचितं
श्रीमहादेवस्तोत्रम्
ayaADKODODKOKUKKUKKUKKUKKUKKUKKUKKUKK)
- तस्योपरि - शासनसम्राट - सूरिचक्रचक्रवत्ति - तपोगच्छाधिपति - महाप्रभावशालिप्रखण्डब्रह्मतेजोमूत्ति - श्रीकदम्बगिरिप्रमुखानेकतीर्थोद्धारक - परमपूज्य -
प्राचार्य महाराजाधिराज श्रीमद विजयनेमि सूरीश्वराणा - पट्टालंकार - साहित्यसम्राट् -- व्याकरणवाचस्पति - शास्त्रविशारद - S
कविरत्न-परमपूज्याचार्यप्रवर श्रीमद्विजयलावण्यसूरीश्वराणां पट्टधर - धर्मप्रभावक - शास्त्रविशारद-व्याकरणरत्न - कविदिवाकरपरमपूज्याचार्यवर्य श्रीमदविजयदक्षसूरीश्वराणां पट्टधर -3 पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्रीमदविजयसुशीलसूरिणा विरचिता
'मनोहरा टीका' [ हिन्दीपद्यानुवाद-भाषानुवाद सहिता ]
S) KKK) KK KKK) KKK) KK) (1) KK) KAKKK) KOK
WWW
M
卐 प्रकाशक ) - * प्राचार्यश्री सुशीलसूरि जैन ज्ञान मन्दिर *
शान्तिनगर-सिरोही, राजस्थान मे) KO KO KO KO KO KO KUKKAR
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org