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वीर निर्वाण संवत् और जैन काल-गणना
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बुद्ध २२ वर्ष के हुए तब महावीर का जन्म हुआ ।
३० वर्ष की अवस्था में जब बुद्ध ने प्रव्रज्या ग्रहण की तब महावीर ८ वर्ष के होकर पाठशाला में अध्ययनार्थ गए ।
३६ वर्ष की अवस्था में बोधि प्राप्त कर बुद्ध ने बौद्ध धर्म का प्रचार शुरू किया उस समय महावीर १४ वर्ष के थे ।
___बुद्ध ५२ वर्ष के हुए तब महावीर ने ३० वर्ष की अवस्था में दीक्षा ग्रहण की।
बुद्ध ६५ वें वर्ष में थे तब महावीर को ४३ वें वर्ष में केवल ज्ञान प्राप्त हुआ ।
बुद्ध को ७९वाँ वर्ष चलता था तब महावीर की अवस्था ५६ वर्ष और ६ मास के आसपास थी और इन्हें केवल ज्ञान हुए प्राय: १३ वर्ष और ७ मास हुए थे। इस समय में महावीर और गोशालक के बीच झगड़ा हुआ
और इसके बाद ५ मास के अर्से में जमालि ने मतभेद खड़ा किया और गोशालक की तेजोलेश्या-जनित ताप के असर से महावीर सख्त बीमार हुए।
८० वर्ष की अवस्था में महात्मा बुद्ध का देहांत हुआ तब महावीर को ५८वाँ वर्ष चलता था । बुद्ध का देहांत वैशाख सुदि १५ पूर्णिमा को हुआ था और महावीर का कार्तिक वदि अमावस्या को । इस हिसाब से बुद्ध-निर्वाण के बाद बराबर १४ वर्ष ५ मास और १५ दिन में महावीर का निर्वाण हुआ ।
बौद्ध और पौराणिक कालगणना बुद्ध-निर्वाण-समय का प्रतिपादन करते हुए बौद्ध पालिग्रंथ 'महावंश' और 'दीपवंश' में मगध के शैशुनाग, नंद और मौर्य राजाओं के राजत्वकाल की अवधियाँ दी हैं और बुद्ध-निर्वाण के २१८ वें वर्ष में अशोक का राज्याभिषेक होना ठहराया है ।
पुराणकारों ने भी शैशुनाग नंद और मौर्य राजाओं के राजत्व-काल
वीर-२
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