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वीर निर्वाण संवत् और जैन काल-गणना
में वैशाख सुदि १५ के दिन महात्मा बुद्ध ने देह छोड़ा। अब तक महावीर को केवल ज्ञान हुए पंद्रह वर्ष संपूर्ण होकर सोलहवें वर्ष के ५ दिन व्यतीत हुए थे । इसके बाद महावीर १४ वर्ष ५ मास और १५ दिन जीवित रहे । बुद्ध का ८० वर्ष की वय में निर्वाण हुआ और उसके बाद करीब साढ़े चौदह वर्ष में महावीर का ७२ वर्ष की उमर में निर्वाण हुआ । बुद्ध और महावीर, दोनों ने ३०-३० वर्ष की उमर में दीक्षा ली । बुद्ध ने अपनी ३६ वर्ष की अवस्था में बोधि प्राप्त करके धर्मप्रचार करना शुरू किया, तब महावीर ने अपनी ४२ वर्ष से भी अधिक अवस्था में केवल ज्ञान प्राप्त कर धर्मोपदेश देना प्रारंभ किया । इन सब प्रसंगों से हम इस प्रकार निष्कर्ष निकाल सकते हैं—
महावीर का केवली जीवन सौरगणनानुसार २९ वर्ष ५ मास और २७ दिन का था । इस हिसाब से जमालि के मतभेद के बाद महावीर १५ वर्ष ५ मास २७ दिन तक जीवित रहे। उधर भयंकर बीमारी से अनिष्ट कल्पना करते और रोते हुए सिंह अनगार को अपने पास बुलाकर आश्वासन देते हुए महावीर कहते हैं 'हे सिंह ! तू मेरे मरण की कल्पना कर क्यों दुःख करता है ? मैं इस समय नहीं मरूँगा, अभी मैं साढ़े पंदरह वर्ष तक इस पृथिवी पर विचरूँगा ।' ("तं नो खलु अहं सीहा ! गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स तवेणं तेएणं अन्नाइट्ठे समाणे अंतो छण्हं मासाणं जाव कालं करेस्सं, अहंनं अन्नाई अद्धसोलसवासाई जि सुहत्थी विहरिस्सामि । " )
- भगवती १५,६८६ ।
इन शास्त्रीय लेखों से सिद्ध होता है कि जमालि का मतभेद और महावीर की भयंकर बीमारी ये दोनों घटनाएँ समकालीन थीं ।
भगवान् महावीर गोशालक के साथ झगड़ा होने के बाद १६ वर्ष तक जीवित रहे । भगवती के इस सोलह वर्ष के उल्लेख का जो अर्थ 'बराबर सोलह वर्ष किया जाय तो निर्वाण के पहले के सतरहवें वर्ष के कार्तिक मास में झगड़े वाला प्रसंग आता है, पर हम देखते हैं कि केवल ज्ञान होने के बाद महावीर ने श्रावस्ती में एक भी चातुर्मास्य नहीं किया था इसलिये यह प्रसंग चौमासे में तो नहीं बना, पर चौमासा उतरते ही महावीर मिथिला अथवा वैशाली से श्रावस्ती गए हैं और झगड़ा लगभग मार्गशीर्ष में ही हो गया है, इसी लिये महावीर उस समय अपना १६ वर्ष का जीवित रहना बताते हैं ।
१५. वैशाख सुदी दशमी को महावीर को केवल ज्ञान हुआ और कार्तिक वदि अमावस्या को उनका निर्वाण हुआ, इस सामान्य गणना से महावीर का केवलीजीवन २९ वर्ष ५ मास और २० दिन का मानकर आयुष्य के संबंध में यहाँ उल्लेख किए गए हैं I
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