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वीर निर्वाण संवत् और जैन काल-गणना
मगध का राजा हुआ ।'
'पितृहत्या से संतप्त हो अजातशत्रु बुद्ध के पास गया और उनका उपदेश सुनकर वह बौद्ध हो गया ।'
___ 'अजातशत्रु के राज्याभिषेक के आठवें वर्ष में महात्मा बुद्ध का निर्वाण हुआ ।'
श्रेणिक के साथ महावीर का वयोविषयक क्या संबंध था इस विषय का कोई भी उल्लेख जैन ग्रंथों में हमारे देखने में नहीं आया, पर कितने ही प्रसंगों से ज्ञात होता है कि महावीर से अवस्था में श्रेणिक अधिक थे ।
जैनग्रंथकार लिखते हैं कि 'श्रेणिक का पहले नंदा नामक एक श्रेष्ठिपुत्री से पाणिग्रहण हुआ था और उस रानी से उसको अभयकुमार नामक एक पुत्र भी हुआ था ।'
जिस समय राजकुमार अभय अपने पिता श्रेणिक के प्रधान मंत्री के पद पर था उस वक्त राजा श्रेणिक ने अपने लिये वैशाली के राजा चेटक से उनकी पुत्री की माँग की, पर चेटक ने उसको स्वीकार नहीं किया जिससे श्रेणिक निराश हो उदासीन रहने लगा ।
'मंत्री अभय ने राजा को धीरज दिया और वह खुद इस कार्य के लिये कोशिश करने लगा । व्यापारी के वेष में वह वैशाली में जाकर रहा
और अनेक प्रपंचों के बाद उसने चेटक की सबसे छोटी राजकुमारी चेल्लना का अपहरण किया और श्रेणिक के साथ उसका विवाह करा दिया ।'
'चेटकपुत्री चेल्लना जैन थी और श्रेणिक बौद्ध । अपने पति को जैन धर्म में ले जाने के लिये चेल्लना अनेक उपाय करती थी पर राजा बौद्ध धर्म को छोड़कर जैन होने को तैयार नहीं हुआ ।' ।
'एक बार श्रेणिक उद्यान यात्रार्थ बाहर गया, जहाँ एक युवक जैन श्रमण का तप और त्याग देखकर वह जैन धर्म का श्रद्धालु हो गया ।'
.. इन सब प्रसंगों के बाद 'श्रेणिक को भगवान् महावीर का उपदेश
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