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________________ वीर निर्वाण संवत् और जैन काल-गणना महावीर जिन निर्वाण संवत् और जैन कालगणना का अभेद्य संबंध है। निर्वाणसंवत् के संबंध में विचार करते समय विचारक जैन काल-गणनापद्धतियों को अछूता नहीं छोड़ सकता, इसलिये हम इन दोनों बातों का साथ में विचार करेंगे । समकालीन व्यक्ति महावीर के समय - विचार में इनके समकालीन व्यक्तियों की चर्चा करना प्रासंगिक ही नहीं, आवश्यक भी है; क्योंकि इस प्रकार एक दूसरे के सत्तासमय का समन्वय किए बिना हम अपने इष्ट विषय को पुष्ट और सर्वग्राह्य नहीं बना सकते । यों तो महावीर के समय में अनेक उल्लेखनीय व्यक्ति हो गए हैं, पर हमें यहाँ पर राजा श्रेणिक ( बिंबसार), कूणिक (अजातशत्रु), महात्मा गौतम बुद्ध और मंखलि गोशालक के उल्लेख से ही प्रयोजन है; इनका समयविचार ही प्रस्तुत विवेचन का समर्थक हो सकता है । बौद्धों के पाली और संस्कृत साहित्य में हमें इस प्रकार वर्णन मिलता है - 'मगध का राजा बिंबसार और भगवान् बुद्ध समवयस्क थे ।' 'बुद्ध के उपदेश से बिंबसार बौद्ध धर्म का अनुयायी हुआ ।' 'बुद्ध की वृद्धावस्था में बिंबसार को मारकर उसका पुत्र अजातशत्रु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002752
Book TitleVir Nirvan Samvat aur Jain Kal Ganana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2000
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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